स्टेट बैंक प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य ने माना, टेलिकॉम सेक्टर दबाव में

कोलकाता
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने शनिवार को कहा है कि दूरसंचार क्षेत्र दबाव में है और बैंक इस क्षेत्र के कर्ज पर अतिरिक्त प्रावधान कर रहा है। स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा, टेलिकॉम सेक्टर इस समय काफी दबाव से गुजर रहा है और इसकी वजह से बैंक अतिरिक्त प्रावधान कर रहा है।

उनसे पूछा गया था कि इंटरकनेक्ट शुल्क कम करने के ट्राई के फैसले से क्या मौजूदा ऑपरेटर वोडाफोन, एयरटेल और आइडिया पर प्रतिकूल प्रभाव होगा। ये कंपनियां पहले ही रिलायंस जियो के बाजार में उतरने से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहीं हैं। बैंकिंग क्षेत्र में फंसे कर्ज की स्थिति (एनपीए) परिदृश्य के बारे में भट्टाचार्य ने कहा, इस मामले में संभवत: हम जहां तक पहुंच सकते थे वहां पहुंच चुके हैं, अब और दबाव नियंत्रण में है, हालांकि कुछ नए क्षेत्रों जैसे कि दूरसंचार क्षेत्र में दबाव देखा जा रहा है।

भट्टाचार्य ने कोलकाता न्यू टाउन में स्टेट बैंक इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि स्टेट बैंक में सहयोगी बैंकों का विलय एक गहन ढांचागत सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, परिणाम कुछ समय बाद दिखाई देगा। हम अगले 3 से 4 तिमाहियों में परिणाम सामने लाएंगे जैसा कि वादा किया गया है। नोटबंदी और जीएसटी के बाद अर्थव्यवस्था के परिदृश्य पर भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार को इस मामले में अवसंरचना विकास जैसी कुछ बड़ी परियोजनाओं को आगे बढ़ाना होगा।

स्टेट बैंक के इंस्टीट्यूट के बारे में भट्टाचार्य ने कहा कि यह बैंकिंग वित्त क्षेत्र के सभी पेशेवरों के लिए खुला होगा। इसमें स्टेट बैंक से बाहर के लोगों के लिये कोई प्रतिबंध नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस इंस्टीट्यूट से बैंक को बैंकिंग उद्योग में अपनी नेतृत्व की स्थिति को बनाए रखने में मदद मिलेगी।

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