बेवजह फाइल रोक रही है सरकार: एमसीडी
|एमसीडी नेताओं के बाद अब कमिश्नर पीके गुप्ता का भी कहना है कि दिल्ली सरकार बेवजह परिसीनम से जुड़ी फाइल को रोक रही है, जबकि डीएमसी एक्ट के अनुसार एमसीडी के पास परिसीमन का अधिकार है। दिल्ली सरकार को हमारी फाइल को सिर्फ नोटिफाई करना है, लेकिन उस पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। कमिश्नर ने भी माना कि फाइल के रुकने से एमसीडी के महत्वपूर्ण कामकाज रुके पड़े हैं।
नॉर्थ एमसीडी की कल आयोजित बैठक में कमिश्नर ने पिछले तीन माह से चल रहे परिसीमन विवाद को लेकर सफाई दी और कहा कि इस काम को करना एमसीडी के अधिकार क्षेत्र में है। कमिश्नर गुप्ता का कहना था कि निगम चुनाव से पहले राज्य चुनाव आयोग ने कई वॉर्डों का पुनर्निधारण किया, जब चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो गई तो एमसीडी को भी यह निर्धारण करना जरूरी था। यह इसलिए भी जरूरी था इससे लोगों को कामकाज कराने में आसानी होती साथ ही पार्षदों और अफसरों को भी सुभीता रहता। उन्होंने कहा कि वॉर्डोँ के पुनर्निधारण से दो जोन में वॉर्ड की संख्या बढ़ गई थी और कुछ में उनकी संख्या कम हो गई थी, जिससे शासन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता था, इसलिए एमसीडी ने इस असमानता को दूर करने के लिए उसकी फाइल को ठीक कर उसे दिल्ली सरकार पास नोटिफिकेशन के लिए भेज दिया।
उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया एमसीडी का संवैधानिक अधिकार है और इस कवायद के लिए डीएमसी एक्ट का पूरी तरह पालन किया गया है। कमिश्नर ने जानकारी दी कि इस फाइल को लेकर दिल्ली सरकार की ओर से तीन बार सवाल पूछे गए। हमारे अफसरों ने जिस दिन फाइल आई, उसे उसी दिन ठीक कर सरकार को भेज दिया, इसके बावजूद फाइल को क्लियर नहीं किया जा रहा है। कमिश्नर के अनुसार हाल में मेयर प्रीति अग्रवाल के साथ उन्होंने उपराज्यपाल से भी मुलाकात की थी, उन्होंने भी माना था कि सरकार को फाइल क्लियर कर देनी चाहिए। सदन में सत्ता पक्ष के सदस्य जयप्रकाश के अलावा नेता कांग्रेस मुकेश गोयल ने कहा है कि अब यह स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार जानबूझकर परिसीमन की फाइल को रोक रही है।
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