आजादी के 70 साल बाद भी 95% लोगों के पास नहीं है पासपोर्ट
|अभी केवल 5.15 पर्सेंट भारतीयों के पास पासपोर्ट है। यानी लगभग 132 करोड़ की आबादी में से केवल 6.8 करोड़ लोगों के पास। ताजा सरकारी आंकड़ा यही है। यह हाल पिछले 5 वर्षों में पासपोर्ट से जुड़ी सुविधाओं में बढ़ोतरी होने और कई रिफॉर्म्स करने के बाद है।
विदेश मंत्रायल की ओर से जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, नए और रिन्यू किए गए सहित कुल पासपोर्ट्स में से लगभग आधे तो पिछले तीन वर्षों में जारी किए गए।
पासपोर्ट धारकों की इतनी कम संख्या की एक वजह पहले के कड़े नियम और पासपोर्ट सेवा केंद्रो की बेहद कम संख्या हो सकती है। हालांकि अब नियम पहले से आसान हैं और कई पासपोर्ट सेवा केंद्रों पर प्रोसेस तेज हो गया है। पासपोर्ट अब केवल एक डॉक्युमेंट यानी आधार या वोटर आईडी की कॉपी के जरिए जारी किए जा रहे हैं। अनिवार्य पुलिस वेरिफिकेशन पूरा होने में लगने वाला औसत समय साल 2014 में 42 दिनों और 2015 में 34 दिनों का था, जो 2016 में 29 दिनों का रह गया।
मौजूदा सरकार ने 16 नए पासपोर्ट सेवा केंद्र खोले हैं। इस तरह इनकी कुल संख्या 93 हो गई। कोई भी राज्य या केंद्र शासित क्षेत्र अब पासपोर्ट जारी करने की सुविधा से वंचित नहीं है। पांच साल पहले विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ मिलकर पब्लिक-पार्टनरशिप में बदल दिया था।
मोदी सरकार ने एक नई पहल की है, जिसके मुताबिक हर पासपोर्ट ऑफिस ने शिकायतों का जवाब देने के लिए ट्विटर हैंडल बनाया है। जून में विदेश मंत्रालय ने कोच्चि को बेस्ट पासपोर्ट ऑफिस का सम्मान दिया था। इसके रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर पारसनाथ चंद्रन ने बताया कि नए नियम से नागरिकों के लिए पासपोर्ट बनवाना काफी आसान हो गया है। उन्होंने कहा, ‘नए नियमों से बिचौलिये अप्रासंगिक हो गए हैं। इनसे पासपोर्ट इश्यू करने करने वाले अधिकारियों के मनमानी करने की गुंजाइश भी काफी कम हो गई है।’ 2016 में 85 पर्सेंट तत्काल पासपोर्ट तीन दिन के अंदर इश्यू किए गए। इनमें से 36 पर्सेंट तो एक दिन में इश्यू हुए, जबकि 86 पर्सेंट सामान्य पासपोर्ट में हफ्ते भर से अधिक का समय नहीं लगा। इनमें से भी 51 पर्सेंट तीन दिन के अंदर इश्यू किए गए।
विदेश मंत्रालय का दावा है कि पासपोर्ट इश्यू करने के मामले में भारत अब चीन और अमेरिका के बाद दुनिया में तीसरे नंबर पर है। हर साल बड़ी संख्या में पासपोर्ट एक्सपायर होते हैं। उससे भी इसकी ग्रोथ कम दिख रही है। 2014 से 2016 के बीच 1.3 करोड़ पासपोर्ट एक्सपायर हुए, जबकि इस दौरान 2.93 करोड़ नए पासपोर्ट इश्यू किए गए। वहीं, बहुत कम भारतीय विदेश जाने की हैसियत रखते हैं। पर्यटन मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक, 2015 में 2.03 करोड़ भारतीय विदेश गए। खाड़ी देशों में रोजगार के मौके घटने से भी पासपोर्ट की मांग पर असर पड़ा है।
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