पाकिस्तान में अपना मिलिटरी बेस बनाएगा चीन: पेंटगन रिपोर्ट
|आने वाले दिनों में चीन पाकिस्तान के अंदर अपना मिलिटरी बेस बना सकता है। चीन इन दिनों विदेशों में अपने ज्यादा से ज्यादा सैन्य अड्डे बनाने की कोशिश कर रहा है। पेइचिंग ने हाल ही में अफ्रीका के एक देश जबूटी में अपना मिलिटरी बेस स्थापित किया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान सहित कई अन्य देशों में भी वह इसी तरह से सैन्य अड्डे बना सकता है। पेंटगन ने मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही है। अगर चीन ऐसा करता है, तो भारत की सामरिक चुनौतियां और बढ़ जाएंगी।
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पेंटगन ने 97 पन्नों की एक अपनी एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। यह रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस के सामने पेश की गई है। इसमें पिछले साल चीन की सेना द्वारा की गई गतिविधियों का जिक्र किया गया है। अमेरिका के मुताबिक, चीन ने अपने सुरक्षा खर्च में जमकर खर्च किया है। पेंटगन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने इस क्षेत्र में 115 खरब से भी ज्यादा का बजट खर्च किया है। चीन अपने आधिकारिक रक्षा बजट की रकम 90 खरब के करीब बताता है, लेकिन पेंटगन रिपोर्ट के मुताबिक चीन अपनी सेना व रक्षा जरूरतों पर इससे कहीं ज्यादा खर्च कर रहा है।
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अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, एक ओर जहां चीन में आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी हो रही है, वहीं उसके नेता डिफेंस बजट को और ज्यादा बढ़ाने के पक्षधर हैं। चीन का मानना है कि भविष्य की चुनौतियों के लिहाज से उसे अपनी सैन्य क्षमता और ज्यादा बढ़ानी होगी। यह रिपोर्ट चीन द्वारा जबूटी में बनाए गए अपने पहले विदेशी नौसैनिक अड्डे का भी बार-बार जिक्र करती है। जबूटी में अमेरिका का भी एक अहम मिलिटरी बेस है। अमेरिका का यह बेस स्वेज नहर के रास्ते में रेड सी के एक अहम ठिकाने पर बना हुआ है, जो कि सामरिक दृष्टि से काफी अहम माना जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘जिन देशों के साथ चीन की पुरानी दोस्ती है और पाकिस्तान जैसे मुल्क, जिनके साथ उसके समान सामरिक हित जुड़े हुए हैं, वहां चीन अपने अतिरिक्त मिलिटरी बेस बनाने की कोशिश कर सकता है।’
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जबूटी में चीन द्वारा नौसैनिक अड्डा बनाए जाने से भारत की चिंताएं काफी बढ़ गई हैं। इसका कारण जबूटी की भौगोलिक स्थिति है। यह अफ्रीकन देश हिंद महासागर के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर बसा हुआ है। इससे भारत की परेशानियां बढ़ गई हैं। चीन द्वारा पाकिस्तान में मिलिटरी बेस बनाने पर भारत किस तरह की प्रतिक्रिया करेगा, इसका इस रिपोर्ट में कोई जिक्र नहीं है। रिपोर्ट में हालांकि यह जरूर बताया गया है कि पाकिस्तान एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चीन द्वारा बेचे जाने वाले हथियारों का एक बड़ा ग्राहक है। चीन ने 2011 से 2015 के बीच कुल 12 खरब रुपये के हथियारों का निर्यात किया, जिसमें से करीब 6 खरब रुपये के हथियार अकेले पाकिस्तान ने खरीदे।
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पिछले साल चीन और पाकिस्तान के बीच एक समझौता हुआ, जिसके मुताबिक चीन पाकिस्तान को 8 पनडुब्बियां बेचेगा। अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में चीन की सेना द्वारा समुद्र और अंतरिक्ष में शुरू किए गए अभियानों का विस्तार से जिक्र किया है। इसमें यह आरोप भी लगाया गया है कि चीन के हैकर्स अमेरिकी सरकार के कंप्यूटर्स में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन चीन हैकिंग के द्वारा अमेरिका से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां हासिल करने की कोशिश कर रहा है।
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