पार्ल्यामेंट में ट्रंप के संबोधन के खिलाफ ब्रिटिश संसद, कहा, ‘हम नस्लवाद और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ’

लंदन
ब्रिटिश संसद के स्पीकर जॉन बरकाउ अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा ब्रिटेन की संसद को संबोधित करने के खिलाफ एक प्रस्ताव लेकर आए। ब्रिटिश सांसदों ने अपने राजनैतिक विरोधों को दरकिनार कर स्पीकर बरकाउ के इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। हाउस ऑफ कॉमन्स में बोलते हुए स्पीकर बरकाउ ने कहा कि वह ट्रंप को संसद संबोधित करने का आमंत्रण नहीं देंगे। बरकाउ ने कहा कि ब्रिटिश संसद ‘नस्लीय और लैंगिक भेदभाव’ के खिलाफ है और इसीलिए ट्रंप को यह मौका नहीं दिया जा सकता है। मालूम हो कि हाउस ऑफ कॉमन्स ब्रिटिश संसद का लोअर हाउस है और इसमें 650 निर्वाचित सांसद होते हैं। ट्रंप इस साल के अंत तक ब्रिटेन के दौरे पर आने वाले हैं। उनकी इस स्टेट विज़िट की तारीखें जल्द तय कर ली जाएंगी।

कॉमन्स को संबोधित करते हुए स्पीकर बरकाउ ने कहा, ‘प्रवासियों के अमेरिका में प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध से पहले भी मैं खुद वेस्टमिन्स्टा हॉल को राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा संबोधित किए जाने का विरोध करता। अब जबकि राष्ट्रपति ट्रंप ने यह प्रतिबंध लागू कर दिया है, तो उनके द्वारा ब्रिटिश संसद को संबोधित किए जाने का मैं और कड़ा विरोध करता हूं।’ स्पीकर के द्वारा इस तरह की प्रतिक्रिया करना और ऐसी टिप्पणी देना अभूतपूर्व मामला है। संसदीय नियमों के मुताबिक, स्पीकर की भूमिका राजनैतिक तौर पर निष्पक्ष रहनी चाहिए। इन नियमों को देखते हुए स्पीकर द्वारा ऐसा प्रस्ताव करना बेहद दुर्लभ स्थितियों में माना जाएगा, लेकिन सभी सांसदों ने अपने राजनैतिक मतभेद किनारे रखकर बरकाउ के इस प्रस्ताव का समर्थन किया।

लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोरबिन ने ट्वीट किया, ‘जॉन बरकाउ, आपने बहुत अच्छी बात कही। हमें अपने देश के मूल्यों के लिए जरूर खड़े होना चाहिए। ट्रंप को स्टेट विज़िट पर बुलाए जाने का कार्यक्रम आगे नहीं बढ़ना चाहिए।’ मालूम हो कि जब कोई राष्ट्राध्यक्ष किसी दूसरे देश द्वारा स्टेट विज़िट के आमंत्रण पर वहां जाता है, तो अमूनन उसे संसद को संबोधित करने का भी मौका मिलता है। लेबर पार्टी के पूर्व उप प्रमुख हैरियट हर्मन ने इस प्रस्ताव और उसे सांसदों द्वारा दिए गए समर्थन को हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए गर्व का अवसर बताया। उन्होंने कहा कि इससे फिर साबित हुए कि नस्लीय और लैंगिक भेदभाव का कॉमन्स में स्वागत नहीं किया जाएगा।

लंदन के मेयर सादिक खान की जगह लेने वालीं रोजेना अलीन खान ने इसे एक हिम्मती और साहसिक कदम बताया। टोरी की सांसद सारा वोलास्टन ने भी स्पीकर बरकाउ की बातों से सहमति जताई। लिबरल डेमोक्रैट नेता टिम फारॉन ने कहा, ‘स्पीकर का यह फैसला बिल्कुल सही है।’ उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि हमारी प्रधानमंत्री अमेरिका के वाइट हाउस में बैठने वाले उस ओछे और महिलाओं से घृणा करने वाले शख्स (डॉनल्ड ट्रंप) के सामने को प्रणाम करना चाहें, लेकिन हम नहीं चाहते कि वह हमसे बात करें। उनका यहां स्वागत नहीं है। ‘

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