फिरेंगे ऐतिहासिक हरदयाल लाइब्रेरी के दिन
|पुरानी दिल्ली की ऐतिहासिक हरदयाल लाइब्रेरी के दिन जल्द ही फिरने वाले हैं। लाइब्रेरी की जर्जर दीवारों को मजबूती देने के साथ-साथ इसे ऑनलाइन किया जाएगा, वहीं दुर्लभ किताबों का संरक्षण भी होगा। रेनोवेशन करने का काम एमसीडी करेगी। इसके लिए जल्द कंसल्टेंट नियुक्त किया जाने वाला है।
लाइब्रेरी के रेनोवेशन के लिए एमसीडी को डीडीए ने मदद का फैसला किया है। यह फैसला एलजी नजीब जंग के कहने पर किया गया है। हाल ही में एमसीडी अधिकारियों के साथ मीटिंग में हरदयाल लाइब्रेरी का मुद्दा उठा। एमसीडी ने फंड की कमी की बात एलजी से कही, इसके बाद एलजी ने डीडीए को फाइनैंशल सपोर्ट करने का आदेश दिया। लाइब्रेरी के पूरे रेनोवेशन में करीब 3 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। सूत्रों के मुताबिक इसमें से डेढ़ करोड़ रुपये एमसीडी को दिए भी जा चुके हैं। रेनोवेशन के लिए एमसीडी ने कंसल्टेंट नियुक्त करने की तैयारी कर ली है। सूत्रों के मुताबिक दो साल में हरदयाल लाइब्रेरी पूरी तरह से बदली हुई दिखाई देगी।
लाइब्रेरी की चेयरमैन शोभा विजेंद्र ने कहा कि रेनोवेशन में लाइब्रेरी के ढांचे से किसी भी तरह की छेड़छाड़ किए बिना इसकी दीवारों को मजबूती दी जाएगी। लाइब्रेरी में मौजूद किताबों के बारे में सबको जानकारी मिल सके, इसके लिए इसे ऑनलाइन किया जाएगा। साथ ही महंगी और पुरानी किताबों का संरक्षण भी होगा।
हरदयाल लाइब्रेरी ऐतिहासिक है। इसमें आज भी सैकड़ों स्टूडेंट पढ़ाई करने के लिए आते हैं। लाइब्रेरी की खस्ता हालत को देखते हुए इसका रेनोवेशन कराने का फैसला किया गया है।
प्रवेश वाही, चेयरमैन, स्टैंडिंग कमिटी, नॉर्थ एमसीडी
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