एनबीएफसी क्षेत्र के लिये एफडीआई नियमों को उदार बनाया गया
|प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में एनबीएफसी में विदेशी निवेश के नियमों में संशोधन को मंजूरी दे दी गई। एक आधिकारिक विग्यप्ति में यह जानकारी दी गई है।
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों में नवंबर 2015 के बाद यह तीसरी प्रमुख राहत दी गई है। इस साल जून में ही सरकार ने रक्षा और नागरिक उड्डयन सहित आठ क्षेत्रों में एफडीआई नियमों को उदार किया है।
विग्यप्ति में कहा गया है कि ऐसी अन्य वित्तीय सेवायें जो कि किसी के नियमन में नहीं हैं, उनमें विदेशी निवेश की अनुमति मंजूरी के जरिये ही मिल सकती है। इसके साथ ही एफडीआई नीति के मुताबिक न्यूनतम पूंजी के नियमों को भी समाप्त कर दिया गया है क्योंकि ज्यादातर नियामकों ने उनके तहत आने वाले निकायों के लिये न्यूनतम पूंजी नियम पहले ही तय किये हुये हैं। इससे एफडीआई को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी। यह नियम पूरे देश में लागू होगा और किसी राज्य अथवा जिले तक सीमित नहीं है।
वित्त मंत्री अरण जेटली ने 2016-17 के बजट में इस क्षेत्र के उदारीकरण के बारे में घोषणा की थी। वर्तमान में मर्चेंट बैंकिंग, अंडरराइटिंग, पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवायें, वित्तीय सलाहकार और स्टॉक ब्रोकिंग सहित एनबीएफसी से जुड़ी 18 वित्तीय गतिविधियों में स्वत: मंजूरी मार्ग से 100 प्रतिशत एफडीआई की मंजूरी है।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
बिज़नस न्यूज़, व्यापार समाचार भारत, वित्तीय समाचार, News from Business