महिंद्रा, एमएसटीसी वाहन स्क्रैप संयंत्र लगाएंगी, 120 करोड़ रपये तक निवेश करेंगी
|इस संयुक्त उद्यम की स्थापना के पीछे विचार देश की सालाना 50 से 60 लाख टन की स्क्रैप की जरूरत को पूरा करना है। अभी इस मांग को आयात के जरिये पूरा किया जा सकता। इसका बाजार 1.8 अरब डालर या 12,000 करोड़ रपये का है।
इस्पात मंत्रालय ने बयान मंे कहा, एक लाख टन सालाना क्षमता के इस श्रेडिंग संयंत्र और संग्रहण कंेद्रांे की स्थापना पर करीब 120 करोड़ रपये की लागत आएगी।
एमएसटीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक बी बी सिंह ने संवाददाताआंे से कहा, भारत की वाहनांे की वार्षिक मांग 2.33 करोड़ इकाइयांे की है। इससे आयुसीमा पूरी कर चुके वाहनांे को स्क्रैप बनाने का मुद्दा महत्वपूर्ण हो जाता है। जब आप इन सभी बिंदुआंे को देखते हैं, तो इस संयुक्त उद्यम की काफी संभावना नजर आती है।
उन्हांेने कहा कि भारत हर साल करीब 50-60 लाख टन स्क्रैप आयात करता है। इससे देश मंे श्रेडिंग
:कतरन: संयंत्र की और जरूरत महसूस होती है। उन्हांेने कहा कि यह संयुक्त उद्यम एक इकाई से शुरआत कर रहा है, लेकिन हमारा इरादा अखिल भारतीय स्तर पर उपस्थिति दर्ज करने का है। फिलहाल स्क्रैप का आयात 200 से 300 डालर प्रति टन पर किया जाता है। देश की वार्षिक जरूरत को देखते हुए इसका बाजार करीब 1.8 अरब डालर का है।
संयुक्त उद्यम करार पर दस्तखत इस्पात सचिव चौधरी बीरंेद्र सिंह की मौजूदगी मंे किए गए। इस्पात मंत्री ने कहा कि इस पहल से मेक इन इंडिया कार्यक्रम को प्रोत्साहन मिलेगा।
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