बिना नोटिस ACB के सामने पेश हुए गोपाल राय
|ऐप बेस्ड प्रीमियम बस सर्विस में गड़बड़ी के गंभीर आरोपों के मद्देनजर ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर गोपाल राय मंगलवार को ऐंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) के सामने पेश हुए। एसीबी की तरफ से पेश होने के लिए उन्हें कोई नोटिस नहीं भेजा गया था।
दोपहर करीब एक बजे गोपाल राय एसीबी दफ्तर पहुंचे। वह अपने डिपार्टमेंट के अफसरों और पार्टी एमएलए के साथ पहुंचे थे। उससे पहले एसीबी दफ्तर के बाहर पार्टी के सैकड़ों समर्थक वहां पहुंचकर उनके समर्थन में नारेबाजी करने लगे। हंगामे की आशंका के चलते एसीबी के मेन गेट और उसके आसपास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था।
एसीबी में कुछ दिन पहले विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता की ओर से कंप्लेंट दी गई थी। आरोप है कि इस ऐप बेस्ड प्रीमियम बस सर्विस स्कीम के लिए सभी नियमों को ताक पर रखते हुए खास कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। साथ ही दिल्ली सरकार ने इस योजना में कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया। सरकार ने इस संबंध में एलजी के नाम से नोटिफिकेशन जारी किया, लेकिन उन्हें इस बारे में जानकारी तक नहीं दी गई। कुछ प्राइवेट बस कंपनियों और दिल्ली सरकार के बीच साठगांठ है।
एसीबी चीफ मुकेश मीणा ने एक जून को जांच के आदेश जारी कर दिए थे। इस मामले की तहकीकात के लिए अलग से टीम बनाई गई है, जो आरोपों से जुड़े सभी दस्तावेजों की छानबीन कर रही है। इसी सिलसिले में गोपाल राय अपने अधिकारियों के साथ एसीबी दफ्तर पहुंचे। उनका साथ देने के लिए आम आदमी पार्टी के कई एमएलए भी वहां मौजूद थे। राय करीब एक घंटे तक एसीबी दफ्तर में रुके। इस दौरान उनसे आरोपों से जुड़े सवाल किए गए, जिनमें प्रमुख सवाल नोटिफिकेशन को लेकर था।
इसके अलावा उनसे पूछा गया कि सभी दस्तावेज तैयार करने में विभाग के कितने लोग शामिल थे? लेटर किसने टाइप किया? इनका जवाब गोपाल राय और उनके अफसरों ने फाइल रिकॉर्ड के आधार पर दिया। एसीबी चीफ के मुताबिक इस मामले में अभी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। जांच चल रही है। पेश होने के लिए मंत्री को कोई नोटिस नहीं दिया था। वह खुद आए, तो उनसे जांच में सहयोग करने के लिए सवाल किए गए। इस बीच आम आदमी पार्टी के सैकड़ों समर्थक हाथों में तख्तियां लेकर एसीबी दफ्तर के बाहर नारे लगाते रहे।
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