नहीं दिखी कनक की हनक
|प्रमुख संवाददाता, नोएडा : अक्षय तृतीया पर इस बार सोने का बाजार मंदा रहा। निवेशकों ने सोना खरीदने में अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई। इससे सर्राफा व्यापारी मायूस रहे। हालांकि शाम 4 बजे के बाद जूलर्स शॉप्स पर भीड़ बढ़ने लगी और मार्केट में कुछ तेजी दिखी। सर्राफा कारोबारियों के अनुसार पिछली बार की तुलना में इस बार कारोबार 15 से 20 पर्सेंट तक कम रहा है।
सोना खरीदने के लिए लोगों में उत्साह नहीं दिखा। जूलर्स की हड़ताल खत्म होने के बाद आमतौर पर नोएडा के बाजारों में 50 करोड़ का गोल्ड का कारोबार हो रहा था। व्यापारियों को उम्मीद थी कि बाजार अक्षय तृतीया के मौके पर 150 करोड़ को पार कर जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सर्राफा व्यापारियों के अनुसार स्ट्राइक की वजह से पहले ही सर्राफा बाजार को काफी नुकसान हो चुका है। ऐसे में अक्षय तृतीया के फीके रहने से व्यापारियों में मायूसी है। इस बार सोने का कारोबार कम रहने की एक वजह यह भी है कि तारे डूबे हुए हैं और शादियां नहीं हो रही है। आमतौर पर अक्षय तृतीया पर अबूझ साया होता है और बड़ी संख्या में शादियां होती है। इसके चलते भी सोना के साथ मार्केट में भी चहल पहल रहती है। नोएडा सर्राफा असोसिएशन के अध्यक्ष एस. के. जैन का कहना है कि बाजार इस बार 15 से 20 पर्सेंट तक कम रहा है। ऐसा लग रहा था कि लोग सोने की खरीदारी में उत्साह दिखाएंगे लेकिन दोपहर तक तो खरीदार बाजार में आए ही नहीं। दोपहर बार खरीदारों ने निकलना शुरू किया और बाजार ने कुछ रफ्तार पकड़ी। उन्होंने माना कि शादियों के मुहूर्त न होने की वजह से भी बाजार पर असर पड़ा है। नोएडा सर्राफा असोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी सुधीर सिंघल के अनुसार इस बार बाजार कुछ मंदा रहा है। उम्मीद के अनुरूप कारोबार न होने से हम सब निराश हैं। इंदिरा मार्केट के जूलर ओमबीर के अनुसार मार्केट पिछली बार की तुलना में काफी कम रहा है। ग्राहकों में सोने को लेकर क्रेज ही नहीं दिखा। जिन ग्राहकों ने सोना खरीदा, उनका बजट भी कम रहा। फ्यूजन जूलरी, सिक्के, गिन्नियों की डिमांड रही। इसके अलावा छोटी-मोटी जूलरी ज्यादा बिकी।
सोना खरीदने के लिए लोगों में उत्साह नहीं दिखा। जूलर्स की हड़ताल खत्म होने के बाद आमतौर पर नोएडा के बाजारों में 50 करोड़ का गोल्ड का कारोबार हो रहा था। व्यापारियों को उम्मीद थी कि बाजार अक्षय तृतीया के मौके पर 150 करोड़ को पार कर जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सर्राफा व्यापारियों के अनुसार स्ट्राइक की वजह से पहले ही सर्राफा बाजार को काफी नुकसान हो चुका है। ऐसे में अक्षय तृतीया के फीके रहने से व्यापारियों में मायूसी है। इस बार सोने का कारोबार कम रहने की एक वजह यह भी है कि तारे डूबे हुए हैं और शादियां नहीं हो रही है। आमतौर पर अक्षय तृतीया पर अबूझ साया होता है और बड़ी संख्या में शादियां होती है। इसके चलते भी सोना के साथ मार्केट में भी चहल पहल रहती है। नोएडा सर्राफा असोसिएशन के अध्यक्ष एस. के. जैन का कहना है कि बाजार इस बार 15 से 20 पर्सेंट तक कम रहा है। ऐसा लग रहा था कि लोग सोने की खरीदारी में उत्साह दिखाएंगे लेकिन दोपहर तक तो खरीदार बाजार में आए ही नहीं। दोपहर बार खरीदारों ने निकलना शुरू किया और बाजार ने कुछ रफ्तार पकड़ी। उन्होंने माना कि शादियों के मुहूर्त न होने की वजह से भी बाजार पर असर पड़ा है। नोएडा सर्राफा असोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी सुधीर सिंघल के अनुसार इस बार बाजार कुछ मंदा रहा है। उम्मीद के अनुरूप कारोबार न होने से हम सब निराश हैं। इंदिरा मार्केट के जूलर ओमबीर के अनुसार मार्केट पिछली बार की तुलना में काफी कम रहा है। ग्राहकों में सोने को लेकर क्रेज ही नहीं दिखा। जिन ग्राहकों ने सोना खरीदा, उनका बजट भी कम रहा। फ्यूजन जूलरी, सिक्के, गिन्नियों की डिमांड रही। इसके अलावा छोटी-मोटी जूलरी ज्यादा बिकी।
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