‘विलफुल डिफॉल्टर’ वाली माल्या की याचिका पर सुनवाई नहीं
|दिल्ली हाई कोर्ट ने विजय माल्या की भारतीय स्टेट बैंक के उस निर्णय के खिलाफ अपील पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया है जिसमें उन्हें जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला (विलफुल डिफॉल्टर) घोषित किया गया है। कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह उचित मंच पर इसे उठा सकते हैं।
कोर्ट के माहौल को समझते हुए माल्या के वकील ने जस्टिस राजीव सहाय इंडला को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया। इसमें युनाइटेड ब्रेवरेज होल्डिंग्स (यूबीएल) की याचिका भी शामिल है। यूबीएल भी माल्या की कंपनी है। कोर्ट ने माल्या के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और उन्हें, अगर कानून के तहत कोई व्यवस्था है तो, उसके लिए उपयुक्त कोर्ट में जाने की इजाजत दे दी।
माल्या ने इस आधार पर दिल्ली हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी कि वह दिल्ली में रहते हैं और राज्यसभा सदस्य भी हैं और उन्हें सभी तरह का पत्राचार यहीं मिला है। अपनी याचिका में उन्होंने आरोप लगाया कि एसबीआई की शिकायत निपटान प्रणाली ने 31 अक्टूर 2015 को निर्णय किया और उससे पहले इस संबंध में 29 अक्टूबर को हुई सुनवाई में उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया।
निर्णय में उन्हें और यूबीएचएल को जानबूझकर कर्ज नहीं देने वाला घोषित किया गया। माल्या के अनुसार यह अवैध था।
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