वियतनाम, म्यांमार पर टाटा ग्रुप का फोकस
|देश के सबसे पुराने कारोबारी घराने टाटा संस की कम से कम 7 कंपनियां बिजनस बढ़ाने के लिए वियतनाम और म्यांमार पर फोकस कर रही हैं। इकनॉमिक ग्रोथ, मिडल क्लास की बढ़ती संख्या, दुनिया के बड़े देशों के साथ एग्रीमेंट्स और टैक्स इंसेंटिव्स की वजह से इन देशों का आसियान और ग्लोबल मार्केट्स में पहुंच बढ़ाने की कोशिश करने वाली कंपनियों के लिए महत्व बढ़ गया है।
टाटा संस के प्रवक्ता ने ईटी को ईमेल से दिए जवाब में कहा, ‘डिमॉग्रफी और इकनॉमिक डिवेलपमेंट की वजह से ये देश टाटा ग्रुप से जुड़े कई प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज के लिए बढ़िया मार्केट हैं। ग्रुप की टाटा पावर, टाटा प्रोजेक्ट्स, टाटा केमिकल्स, टाइटन, टाटा मोटर्स, रैलिस, टाटा इंटरनैशनल और कुछ अन्य कंपनियां वियतनाम और म्यांमार के मार्केट्स में मौके तलाश रही हैं।’
टाटा ग्रुप के लिए आसियान मार्केट्स में बिजनस के लिए लिहाज से सिंगापुर नोडल कंट्री है। इन मार्केट्स में 66 करोड़ लोग हैं और इनकी इकॉनमी 2 लाख करोड़ डॉलर की है। आसियान के सदस्यों में सिंगापुर, इंडोनेशिया, मलयेशिय, फिलीपींस, थाईलैंड, ब्रूनेई, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और वियतनाम हैं।
पीडब्ल्यूसी में लीडर शशांक त्रिपाठी ने कहा, ‘इस रीजन में साल 2000 से जीडीपी ग्रोथ 5 पर्सेंट से अधिक रही है। आसियान के सभी देश मिलकर दुनिया की 7वीं सबसे बड़ी इकॉनमी बनते हैं। इस वजह से इस क्षेत्र को कई कंपनियां चीन और भारत के बाद एशिया में इकनॉमिक ग्रोथ का तीसरा पिलर मानती हैं।’
टाटा ग्रुप की इन-हाउस मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में ग्रुप के आसियान के लिए रेजिडेंट डायरेक्टर के. वी. राव ने कहा था, ‘ग्रुप के नजरिए से हमने दो फोकस मार्केट्स- वियतनाम और म्यांमार की पहचान की है। हमने इन दोनों देशों में पहले ही पावर प्रोजेक्ट के लिए एमओयू साइन किए हैं। अब अब स्ट्रैटेजिक और ऑपरेशनल लिहाज से इन मार्केट्स के साथ अपना जुड़ाव बढ़ाने पर काम कर रहे हैं।’ वियतनाम अब एक्सपोर्ट में अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और चीन का एक ग्लोबल ट्रेड पार्टनर है और इस वजह से भी यह भारतीय कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण है।
आसियान देशों के लिए हाल के वर्ष इकनॉमिक ग्रोथ के लिहाज से बहुत अच्छे नहीं रहे हैं। इनमें से वियतनाम उन चुनिंदा देशों में शामिल था, जिसने 2014 में छह पर्सेंट की अच्छी जीडीपी ग्रोथ दर्ज की थी। 2015 में वियतनाम की ग्रोथ 6.7 पर्सेंट रहने का अनुमान है, जो 2007 के बाद से सबसे अधिक होगी। वियतनाम में इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन में काफी बढ़ोतरी हुई है और सरकार बिजनस एनवायरमेंट को बेहतर बनाने के उपाय करने के साथ ही सरकारी कंपनियों में भी सुधार की कोशिशें कर रही है। म्यांमार में सैन्य शासन समाप्त होने के बाद से इकनॉमिक ग्रोथ पर ध्यान दिया जा रहा है। ओएनजीसी विदेश, टाटा मोटर्स, एस्सार एनर्जी, सोनालिका ट्रैक्टर्स, सन फार्मास्युटिकल्स, रैनबैक्सी, कैडिला हेल्थकेयर और श्री सीमेंट्स जैसी बहुत सी भारतीय कंपनियां म्यांमार में बिजनस कर रही हैं।
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