8वीं के बच्चे ABCD पढ़ना भी नहीं जानते : CM केजरीवाल
|भूपेंद्र शर्मा, नई दिल्ली
दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने सरकारी स्कूलों में एजुकेशन का स्टैंडर्ड प्राइवेट स्कूलों के बराबर करने का बड़ा दावा तो कर दिया लेकिन यह काम आसान नहीं है। सरकार भी इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ है।
मंगलवार को सीएम अरविंद केजरीवाल और डेप्युटी सीएम मनीष सिसौदिया ने एजुकेशन की फील्ड में किए जाने वाले बदलावों के बारे में जानकारी दी और इसी बातचीत के दौरान सीएम ने 8वीं क्लास तक लागू नो डिटेन्शन पॉलिसी से हो रहे नुकसान के बारे में भी बताया।
सीएम ने कहा कि 8वीं क्लास में ऐसे बच्चे भी हैं, जिन्हें एबीसी पढ़ना भी नहीं आता और वे आसानी से 9वीं क्लास में प्रमोट हो जाते हैं लेकिन 9वीं क्लास में उनको कुछ समझ नहीं आता और हालात खराब होते जा रहे हैं। 9वीं क्लास में बड़ी संख्या में छात्र फेल हो रहे हैं और जरूरी है कि नो डिटेन्शन पॉलिसी में बदलाव हो।
हालांकि सीएम ने कहा कि यह पॉलिसी एक अच्छा स्टेप जरूर मानी गई थी लेकिन जो रिजल्ट सामने आ रहे हैं, उससे खतरनाक संकेत मिल रहे हैं। पैरंट्स व टीचर्स से भी फीडबैक लिया गया था। राजस्थान ने इस पॉलिसी में बदलाव करने का फैसला किया है।
वहीं डेप्युटी सीएम ने एक और खुलासा करते हुए कहा कि गवर्नमेंट स्कूलों में कंटिनुअस एंड कांप्रिहेंसिव असेसमेंट का प्रोसेस एक तरह से शुरू भी नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि कंटिनुअस असेसमेंट का प्रोसेस ठीक से हो नहीं पा रहा है और 8वीं तक वार्षिक एग्जाम का भी कोई मतलब नहीं है। ऐसे में स्टडी को लेकर गंभीरता नजर नहीं आ रही है। पैरंट्स व टीचर्स भी परेशान हैं। 9वीं में फेल होने वाले स्टूडेंट्स का नंबर भी बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि भविष्य में असेसमेंट की कोई और बेहतर स्कीम आ जाए लेकिन जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक 8वीं तक भी एनुअल एग्जाम सिस्टम को लागू किया जाना जरूरी है। इसके अलावा सिलेबस में कमी भी की जा रही है।
दरअसल दिल्ली कैबिनेट ने तय किया है कि 18 नवंबर से शुरू होने वाले असेंबली सेशन में राइट टु एजुकेशन एक्ट (आरटीई) में संशोधन का प्रस्ताव लाया जाएगा। कैबिनेट का प्रस्ताव है कि दिल्ली में नो डिटेंशन पॉलिसी क्लास थर्ड तक ही हो और उसके बाद बच्चे को अगली क्लासेज में प्रमोट होने के लिए हर क्लास का एग्जाम पास करना जरूरी हो। सरकार के सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा में यह प्रस्ताव पास होने के बाद केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राइट टु एजुकेशन एक्ट के मुताबिक, अभी 8वीं तक हर बच्चे को अगली क्लास में प्रमोट किया जाता है।
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