610 रूपये का बोझ नहीं सह पाया मजदूर, की आत्महत्या
|सुलतानपुर के करौंदीकला क्षेत्र का निवासी एक दलित मजदूर कर्ज के बोझ तले इस कदर दब गया कि उसने महज 610 रूपये न जुटा पाने के कारण अपनी जान दे दी। पेड़ से लटकते शव को देखकर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतरवाया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
करौंदीकला थाना क्षेत्र के देवराजपुर रामनगर पूरे हरिदास गांव निवासी 27 वर्षीय मनोज कुमार पुत्र भगवानदास ने एक निजी कम्पनी उत्कर्ष स्माल फाइनेन्स बैंक लिमिटेड शाखा कादीपुर से 25 हजार का कर्ज लिया था। जिसकी हर माह किस्त 610 रूपये जमा करना था। बेरोजगारी तले दबा मनोज किस्त जमा करने की स्थिति में नहीं था। मार्च 2017 में लिये गये कर्ज की किस्त वह किसी तरह जमा करता है, लेकिन फरवरी 2018 की किस्त जमा करने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे।
कम्पनी के कर्मचारी लगातार उसके ऊपर दबाव बना रहे थे। शुक्रवार को किस्त की आखिरी तारीख थी। परिजनों के मुताबिक पिछले एक सप्ताह से वह परेशान था। बार-बार कर्ज चुकता करने के लिए रूपयों के प्रबन्ध की बात करता था। गुरूवार देर शाम से वह लापता हो गया। काफी खोजबीन के बावजूद उसका कहीं पता नहीं लगा। शुक्रवार की सुबह गांव के नजदीक एक पेड़ से उसकी लाश लटकती मिली।
मृतक की पत्नी नीलम ने बताया कि मनोज इधर-उधर काम की तलाश में जाता रहा, लेकिन उसे काम नहीं मिला। जिससे वह परेशान होकर आत्महत्या के मजबूर हुआ। मनोज ने अपने पीछे पत्नी नीलम, 3 साल की बेटी गौरी और 3 महीने का बेटा छोड़ गया। परिजनो का रो-रोकर बुरा हाल है।
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