60 करोड़ डॉलर के समुद्री केबल प्रॉजेक्ट से बदलेगी आरकॉम की हालत?

मुंबई
संकट में फंसी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) 68,000 किलोमीटर लंबी केबल परियोजना पर काम कर रही है जो कि समुद्र के भीतर से होकर गुजरेगी। यह परियोजना 60 करोड़ डॉलर लागत की है और इसके जरिए यूरोप और एशिया में डेटा ट्रांसफर किया जा सकेगा। उम्मीद की जा रही है कि इस प्रॉजेक्ट से कंपनी की माली हालत बदल जाएगी।

कंपनी ने कहा कि इस परियोजना से उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी ग्लोबल क्लाउड एक्सचेंज का कारोबार 5 साल में तिगुना हो सकता है। इस परियोजना का आधार भारत में होगा जिसे इटली से लेकर हॉन्ग-कॉन्ग तक जोड़ा जाएगा। आरकॉम के मुख्य कार्यकारी बिल बर्नी ने संवादाताओं से कहा कि इस परियोजना के 2020 की तीसरी तिमाही में शुरू होने की उम्मीद है और इससे एक अरब डॉलर सालाना कारोबार की आय की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि नई केबल से उसकी कुल क्षमता दस गुना बढ़ जाएगी।

गौरतलब है कि अनिल अंबानी की अगुवाई वाली आरकॉम पर 45,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और वह उपभोक्ता वायरलेस कारोबार से पिछले साल हट गई।

सीईओ ने बताया कि कंपनी ने केबल प्रॉजेक्ट के लिए अलीबाबा सहित 6 कंपनियों से पार्टनरशिप भी की है। बर्नी के मुताबिक, इंटरनेट यूजर्स, क्लाउड सर्विसेज, एंटरप्राइज बिजनस बढ़ने और टेलिकॉम व आईटी सर्विसेज में उछाल से बिजनस में डिमांड बढ़ेगी।

पिछले दिनों अनिल अंबानी ने कहा था कि आरकॉम स्पेक्ट्रम, टावर और फाइबर नेटवर्क सहित मार्च 2018 तक 25,000 करोड़ रुपये की संपत्ति बेचेगी और बैंकों का लोन चुकाएगी। इसके साथ आरकॉम स्ट्रैटेजिक डेट रिस्ट्रक्चरिंग (एसडीआर) प्रोग्राम से बाहर निकल जाएगी। इसके बाद नए अवतार में आरकॉम अपने एंटरप्राइज बिजनेस पर ध्यान देगी। अंबानी ने कहा कि आगे ग्लोबल इनवेस्टर्स को हिस्सेदारी बेचकर बैंकों का और कर्ज चुकाया जाएगा।

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