21 की उम्र में नीतू ने छोड़ दीं फिल्में:शादी से पहले तीन शिफ्ट में पूरी की थी शूटिंग, ऋषि कपूर के कहने पर स्टारडम से बनाई दूरी
|बॉलीवुड की वेटरन एक्ट्रेस नीतू कपूर आज अपना 66वां जन्मदिन मना रही हैं। ‘कभी-कभी’, ‘अमर अकबर एंथोनी’, ‘अदालत’, ‘परवरिश’ और ‘ग्रेट गैंबलर’ जैसी फिल्मों से स्टार बनीं नीतू ने 6 साल की उम्र में फिल्म ‘सूरज’ से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट इंडस्ट्री में कदम रखा। 15 साल की उम्र में फिल्म ‘रिक्शावाला’ से उन्हें बतौर हीरोइन लॉन्च किया गया। 6 दशक के फिल्मी करियर में नीतू ने कई बड़े एक्टर्स के साथ काम किया लेकिन ऋषि कपूर के साथ उनकी जोड़ी सबसे ज्यादा पसंद की गई। साथ काम करते-करते दोनों को प्यार हो गया और 1980 में इन्होंने शादी कर ली। उस वक्त नीतू 21 साल की थीं और अपने जमाने की टॉप एक्ट्रेस थीं। शादी के बाद ऋषि कपूर नहीं चाहते थे कि नीतू फिल्मों में काम करें इसलिए एक्ट्रेस ने तीन शिफ्ट में बची हुई फिल्मों की शूटिंग पूरी की थी। 2020 में ऋषि कपूर के निधन के बाद नीतू अकेली हो गईं लेकिन उन्होंने खुद को टूटने नहीं दिया। खुद को रीइन्वेंट करते हुए फिल्मों पर फोकस किया। 2022 में उन्हें फिल्म ‘जुग जुग जियो’ में देखा गया था, जो कि हिट साबित हुई थी। चलिए नजर डालते हैं नीतू की जिंदगी से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्सों पर… किस्सा नंबर 1: कोठे पर हुआ था नीतू की मां का जन्म नीतू का जन्म 8 जुलाई, 1958 को दिल्ली की एक जाट फैमिली में हुआ था। उनका असली नाम हरनीत कौर है। वो अपने पेरेंट्स दर्शन सिंह और राजी कौर की इकलौती बेटी थीं। नीतू की मां राजी कौर ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किए। दरअसल, राजी की मां हरजीत को 10 साल की उम्र में माता-पिता के निधन के बाद कोठे पर छोड़ दिया गया था। इसके बाद वो इस दलदल से कभी निकल नहीं पाईं। कोठे पर ही काम करने वाले फतेह सिंह से उनकी शादी हो गई, जिससे उनकी एक बेटी राजी हुई। राजी जब बड़ी होने लगीं तो उन्हें भी वेश्यावृत्ति में धकेल दिया गया, लेकिन एक दिन वो भाग गईं और मिल में काम करने लगीं। यहीं उनकी मुलाकात दर्शन सिंह नाम के शख्स से हुई जिससे उन्होंने शादी कर ली। इनकी एक बेटी हुई जो कि हरनीत कौर यानी नीतू सिंह हैं। नीतू के जन्म के बाद उनके माता-पिता उन्हें लेकर मुंबई आ गए। यहां उनकी पढ़ाई हिल ग्रेंज हाई स्कूल से करवाने के लिए एडमिशन करवाया गया। किस्सा नंबर 2: पिता की हुई मौत, 6 साल की उम्र में फिल्मों में आईं पांच साल की उम्र में नीतू ने अपने पिता को खो दिया। राजी को नीतू को पालना-पोसना मुश्किल हो गया, क्योंकि उनके पास कोई काम नहीं था। राजी सुंदर थीं इसलिए उन्होंने अपनी किस्मत फिल्मों में आजमाने के बारे में सोचा। उन्होंने फिल्म स्टूडियो के खूब चक्कर काटे, लेकिन बात नहीं बनी। आखिरकार राजी ये बात समझ गईं कि अब वो हीरोइन नहीं बन पाएंगी। ऐसे में उन्होंने बेटी नीतू को फिल्मों में काम दिलाने की कोशिशें तेज कर दीं। शुरुआत में तो इसमें भी काफी मुश्किलें आईं, लेकिन एक दिन उनकी कोशिश रंग लाई और 6 साल की हरनीत कौर यानी नीतू को फिल्म ‘सूरज’ में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करने का मौका मिला। बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट नीतू को फिल्म इंडस्ट्री में ‘बेबी सोनिया’ नाम दिया गया। ‘सूरज’ में नीतू का किरदार बेहद पसंद किया गया जिसके बाद उन्हें ‘दस लाख’, ‘दो कलियां’ जैसी फिल्मों में काम मिल गया। खासकर ‘दो कलियां’ में नीतू की एक्टिंग को काफी सराहा गया। फिल्म में उन्होंने डबल रोल किया था। इसी फिल्म के गाने ‘बच्चे मन के सच्चे’ में नीतू दिखाई दी थीं जो कि काफी पॉपुलर हुआ था। किस्सा नंबर 3: नीतू की पॉपुलैरिटी से खुश नहीं थीं मां चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर नीतू की पॉपुलैरिटी आसमान छूने लगी, लेकिन इससे उनकी मां राजी खुश नहीं थीं। दरअसल, उन्हें ये डर सताने लगा कि कहीं उनकी बेटी चाइल्ड आर्टिस्ट बनकर ही न रह जाए, जबकि वो तो उसे हीरोइन बनाना चाहती थीं। इसी डर के कारण राजी नीतू को मुंबई से लेकर पंजाब आ गईं। तीन साल तक पंजाब में रहने के बाद 1973 में राजी नीतू को लेकर वापस मुंबई पहुंचीं। इस वक्त तक नीतू 14-15 साल की हो चुकी थीं। राजी ने बेटी को फिर फिल्मों में हीरोइन बनाने की कोशिशें तेज कर दीं। 15 साल की उम्र में नीतू को रणधीर कपूर के साथ फिल्म ‘रिक्शावाला’ मिल गई। फिल्म तो फ्लॉप रही, लेकिन नीतू की खूबसूरती से प्रभावित होकर मेकर्स ने उन्हें कई फिल्मों का ऑफर दिया। तब नीतू के करियर से जुड़े फैसले उनकी मां लिया करती थीं। नीतू वही फिल्म साइन करती थीं जिसे उनकी मां हां कहती थीं। 1973 में ही नीतू को फिल्म ‘यादों की बारात’ मिली जो कि सुपरहिट रही और नीतू का बतौर हीरोइन करियर भी चल पड़ा। किस्सा नंबर 4: ऋषि से पहली मुलाकात में डर गई थीं नीतू नीतू ने अपने करियर में कई बड़े एक्टर्स के साथ काम किया, लेकिन ऋषि कपूर के साथ उनकी जोड़ी सबसे ज्यादा पसंद की गई। साथ काम करते करते दोनों को प्यार हो गया और इन्होंने 1980 में शादी कर ली। हालांकि, इनकी लव स्टोरी काफी इंट्रेस्टिंग थी जिससे जुड़ा एक किस्सा खुद नीतू ने एक इंटरव्यू में शेयर किया था। उन्होंने बताया था कि पहली मुलाकात में वे ऋषि कपूर से काफी डर गई थीं। नीतू ने बताया था कि ऋषि से जब वो पहली बार मिलीं तो एक्टर ने उनके कपड़ों और मेकअप पर कमेंट कर दिया था, जिससे उन्हें काफी गुस्सा आ गया था। बाद में भी ऋषि उन्हें मिलते थे तो उन्हें धमकाते थे जिससे उन्हें बेहद गुस्सा आता था। नीतू ने ये भी कहा कि ‘बॉबी’ के सुपरहिट होने के बाद डिंपल कपाड़िया ने शादी कर ली और ऋषि के पास कोई हीरोइन नहीं बची, क्योंकि ज्यादातर एक्ट्रेसेस उनसे उम्र में बड़ी दिखती थीं। ऐसे में ऋषि ने उन्हें अपनी हीरोइन बनने के लिए अप्रोच किया। धीरे-धीरे लड़ाई-झगड़ा प्यार में बदल गया। ऋषि कपूर ने अपनी बायोग्राफी खुल्लम खुल्ला में नीतू से पहली मुलाकात का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था, ‘मेरी कायदे से नीतू से पहली मुलाकात फिल्म ‘बॉबी’ के सेट पर हुई थी। ‘अमर अकबर एंथनी’ की शूटिंग के दौरान हमारा प्यार परवान चढ़ा। उस दौर में डेटिंग हाथ पकड़ने, पार्टी में जाने या फिर स्लो डांस करने तक ही सीमित थी। जब तक नीतू के साथ मेरी शादी नहीं हो गई तब तक मेरे पेरेंट्स के पास मेरे लिए वेडिंग प्रपोजल्स आते रहते थे। पेरेंट्स को मैंने कभी खुलकर नहीं कहा कि मैं किसी को डेट कर रहा हूं, लेकिन वो जानते थे कि नीतू मेरी जिंदगी में हैं। इसी वजह से जब भी मेरे लिए रिश्ता आता था तो वो ये कहकर मना कर देते थे कि मैं किसी को डेट कर रहा हूं।’ किस्सा नंबर 5: नीतू से शादी नहीं करना चाहते थे ऋषि कपूर ऋषि ने आगे कहा था, ‘मैं श्योर नहीं था कि मैं नीतू से शादी करूंगा, मैं तब 27 साल का था और अपने पेरेंट्स के साथ चेंबूर (मुंबई) में रहता था। नीतू और मैं एक-दूसरे को लेकर कमिटेड थे, लेकिन कोई नहीं समझ पा रहा था कि मैं शादी की बात क्यों नहीं छेड़ रहा। दरअसल, मेरे मन में कई ख्याल आ रहे थे। मुझे लगता था कि एक एक्टर होने के नाते मेरी जिंदगी पर शादी का क्या प्रभाव पड़ेगा। दरअसल ऐसा इसलिए था, क्योंकि मैं शादी के बाद राजेश खन्ना का हश्र देख चुका था। उनका करियर डाउनफॉल पर था, मुझे डर था कि अगर मेरे साथ भी ऐसा हो गया तो क्या होगा, क्योंकि मैं भी रोमांटिक हीरो था और एक हीरोइन से शादी करना चाहता था। मैं सोचता था कि मैं नीतू से कभी शादी नहीं करूंगा या करूंगा भी तो बहुत देर से करूंगा। अगर मुझ पर छोड़ दिया जाता तो मैं नीतू के साथ अपने रिलेशनशिप को कभी नेक्स्ट लेवल पर लेकर नहीं जाता, लेकिन मेरी बहन ऋतु के कारण हमारी सगाई हो गई।’ किस्सा 6: नीतू ने 21 साल की उम्र में छोड़ दी फिल्में ऋषि कपूर ने खुल्लम खुल्ला में लिखा था, ‘नीतू और मैं भले ही रिलेशनशिप में थे, लेकिन हम सेट पर हमेशा बेहद प्रोफेशनल रहे। जब नीतू ने तय किया कि वो शादी के बाद फिल्मों में काम नहीं करेंगी तो उन्होंने प्रोड्यूसर्स को बाकायदा ये बात पहले बता दी। 22 जनवरी 1980 को शादी से पहले उन्होंने अपने सारे असाइनमेंट्स पूरे किए थे। नीतू तीन शिफ्ट में शूटिंग निपटाती थीं और थोड़े-बहुत बचे समय में शादी की तैयारियां भी करती थीं।’ ऋषि कपूर ने ये भी लिखा था कि जब नीतू ने शादी के बाद 21 साल की उम्र में फिल्मों में काम करना बंद किया तो वो टॉप एक्ट्रेसेस में से एक थीं। वो नहीं चाहते थे कि शादी के बाद नीतू फिल्मों में काम करें, क्योंकि इसमें उनका मेल ईगो आड़े आता था। वो चाहते थे कि उनकी पत्नी शादी के बाद घर पर ही रहे और काम पर न जाए। किस्सा नंबर 7: जब फिल्म पिटने के लिए ऋषि कपूर ने नीतू को ठहराया जिम्मेदार ऋषि कपूर ने शादी के बाद लाइफ में आए उतार-चढ़ावों पर भी बात की थी। उन्होंने कहा था, ‘आम कपल्स की तरह हमारे रिश्ते में भी लड़ाई-झगड़े और गलतफहमियां रहीं। नई-नई शादी में सबको एडजस्ट करने में दिक्कतें तो आती ही हैं। शादी के बाद हम पेरेंट्स के साथ चेंबूर में रहते थे जहां बेटी रिद्धिमा का जन्म 15 सितंबर 1980 को हुआ था। 28 सितंबर 1982 को रणबीर के जन्म के बाद हम नीतू की मां के घर केसर विला में रहने लगे जो कि पाली हिल में था। शादी के बाद मेरी अपने करियर को लेकर चिंता और बढ़ने लगी थी। मेरे डाउट फिल्म कर्ज के फ्लॉप होने के बाद और बढ़ गए थे। मैंने फिल्म न चलने का ठीकरा नीतू के सिर पर फोड़ा था। उस फिल्म से मुझे बेहद उम्मीद थी। यह उसी साल रिलीज हुई थी जब मेरी और नीतू की शादी हुई। फिल्म पिटने का जिम्मेदार मैंने नीतू को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि तुमसे शादी के बाद मेरा चार्म खत्म हो गया। मैं डिप्रेशन में चला गया। मेरे अंदर खुद को मुंह दिखाने या पब्लिक को फेस करने की हिम्मत नहीं बची थी। नीतू मेरी हालत देखकर चिंतित हो गई थीं। धीरे-धीरे मैं डिप्रेशन से बाहर निकला, लेकिन बाद में मैंने ये सोचा कि नीतू के लिए ये समय कितना मुश्किल बीता होगा। मुझे हैंडल करना आसान नहीं। मेरी मां और बहनें कई बार कहती थीं कि नीतू को मुझे हैंडल करने के लिए मेडल देना चाहिए और मैं इससे सहमत हूं।’ किस्सा नंबर 8: 2009 में 26 साल बाद किया कमबैक 21 साल की उम्र में बॉलीवुड छोड़ने के बारे में नीतू कपूर ने करण जौहर के टॉक शो में बताया था, ‘मैंने 5 साल की उम्र से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करना शुरू कर दिया था। मैंने अपने करियर में बहुत सक्सेस देखी, इसलिए मेरे लिए बाद में काम करना एक नौकरी बन गई। 5-6 साल की उम्र से लेकर 21 साल की उम्र तक मैंने बहुत काम किया है। मैंने करीब 70-80 फिल्में की हैं। फिर मेरे बच्चे हो गए और मैंने अपने घर के लिए और बच्चों के लिए खुद को समर्पित कर दिया।’ नीतू की बतौर लीड एक्ट्रेस आखिरी फिल्म ‘गंगा मेरी मां’ थी जो कि 1983 में रिलीज हुई थी। इसके बाद उन्हें 26 साल बाद 2009 में फिल्मों में कमबैक का मौका मिला। 26 साल के गैप के बाद शुरू हुई दूसरी पारी में ‘दो दूनी चार’ (2010), ‘जब तक है जान’ (2012) और ‘बेशरम’ (2013) में उन्होंने काम किया। इसी बीच ऋषि कपूर बीमार पड़ गए। उनका लंबा इलाज चला। 2020 में उनके जाने के बाद रणबीर की शादी हुई। फिल्मों में नीतू की बड़ी हिट मूवी 2022 में आई फिल्म ‘जुग जुग जियो’ रही जिसने 100 करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया था।