11 की उम्र में हीरोइन बनी थीं सईदा खान:प्रोड्यूसर पति ने शक में हत्या कर खुदकुशी की, बेटे कमल सदाना के जन्मदिन पर हुआ डबल मर्डर
|1992 में काजोल के साथ बॉलीवुड डेब्यू करने वाले एक्टर कमल सदाना, मशहूर एक्ट्रेस सईदा खान और प्रोड्यूसर ब्रिज सदाना के बेटे हैं। उनकी मां सईदा 60 के दशक की टॉप एक्ट्रेसेस में से थीं, जिनकी जोड़ी उस जमाने के हर दिग्गज कलाकार किशोर कुमार, राजकुमार, मनोज कुमार, शशि कपूर के साथ बना करती थी। महज 11 साल की उम्र में फिल्मों में आईं सईदा की मां एक डांसर थीं। फिल्मों में जितनी तेजी से उन्हें कामयाबी मिली, उतनी ही तेजी से बदलते दौर ने उन्हें बर्बाद भी कर दिया। मजबूरी में सईदा ने प्रोड्यूसर ब्रिज सदाना से शादी की। इस शादी से उन्हें दो बच्चे बेटा कमल सदाना (एक्टर) और बेटी नम्रता हुई। कुछ सालों में ही सईदा और उनके पति के झगड़े बेइंतहा बढ़ने लगे। हर लड़ाई में वो अपनी लाइसेंस गन निकालकर धमकाया करते थे। शादी के बाद फिल्म इंडस्ट्री छोड़ चुकीं सईदा सालों बाद तब सुर्खियों में आईं, जब लोगों को पता चला कि उनके पति ने उनकी और बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी। वो भी बेटे कमल सदाना के 20वें जन्मदिन के जश्न के बीच। 21 अक्टूबर 1990। सईदा खान और ब्रिज सदाना के बेटे कमल सदाना का 20वां जन्मदिन था। घर में उस रोज एक बर्थडे पार्टी रखी गई थी, जिसमें कमल के दोस्त आने वाले थे। सुबह जब कमल उठे तो देखा हर रोज की तरह उनके मां-बाप का जोरदार झगड़ा हो रहा था। शाम तक यही होता रहा। शाम होते ही उनके कुछ दोस्त आ गए और वो उनके साथ घूमने निकल गए। कुछ घंटे घर से बाहर बिताने के बाद जब कमल, दोस्तों के साथ घर लौटे तो देखा उनके पिता ब्रिज सदाना ने जमकर शराब पी रखी थी। उन्होंने पिता को नजरअंदाज किया और दोस्तों के साथ मीरा रोड की 28th रोड पर स्थित अपने बंगले की पहली मंजिल पर चले गए। कमरे में गाने बजाए और दोस्तों के साथ एंजॉय करने लगे। म्यूजिक के शोर के बीच उन्हें अचानक गोली चलने की आवाज सुनाई दी। चंद सेकेंड बीते और फिर दूसरी गोली भी चल गई। कमल भागते हुए नीचे कमरे में पहुंचे तो देखा खून से लथपथ मां गोली लगने से तड़प रही हैं। उनसे कुछ दूरी पर बहन भी बेसुध जमीन पर गिरी हुई है। चंद कदम आगे बढ़ाए तो देखा पिता ब्रिज सदाना उनकी ओर गन ताने खड़े हैं। कमल कोई सवाल कर पाते उससे पहले ही पिता ने उन पर भी गोली चला दी। गोली गले में लगी, जिससे वो बेहोश हो गए। दोस्त जान बचाने के लिए घर से बाहर भागे और आस-पड़ोस के लोगों समेत पुलिस को खबर दी। सभी को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टर्स ने सईदा खान और बेटी नम्रता को मृत घोषित कर दिया। जब कमल होश में आए तो उन्हें मां की मौत की खबर दी गई। जब पिता को देखने लोग घर पहुंचे, तो वो खुदकुशी कर चुके थे। एक झटके में कमल सदाना का 20वां जन्मदिन एक भयावह सपने में तब्दील हो गया। आज अनसुनी दास्तान में पढ़िए सईदा की बदनामी, दर्दनाक जिंदगी और कत्ल की भयावह कहानी- गरीबी में देखा था हीरोइन बनने का ख्वाब 24 अक्टूबर 1949, सईदा खान का जन्म कलकत्ता (अब कोलकाता) के एक गरीब मुस्लिम परिवार में हुआ था। सईदा की मां अनवरी बेगम एक डांसर थीं, जो हिंदी फिल्मों में छोटे-मोटे काम किया करती थीं। मां को देखते हुए सईदा बचपन से ही हीरोइन बनने का ख्वाब देखा करती थीं। एच.एस.रवैल की नजर पड़ते ही चमकी किस्मत एक दिन सईदा अपनी मां के साथ एक दावत का हिस्सा बनीं। उस पार्टी में उस जमाने के मशहूर फिल्ममेकर एच.एस.रवैल भी शामिल हुए थे, जिनकी 50 के दशक में रिलीज हुईं कई फिल्में एक-एक कर फ्लॉप हो रही थीं। उस पार्टी में एच.एस. रवैल की नजरें बेहद खूबूसरत और मासूम शक्ल वाली सईदा पर टिक गईं। उन्होंने सईदा को देखते ही उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट करने का मन बना लिया। एच.एस.रवैल ने मौका मिलने ही सईदा की मां से बातचीत की और बात बन गई। सईदा को फिल्म कांच की गुड़िया में कास्ट किया गया, जिसमें उनके हीरो 25 साल के मनोज कुमार थे। कुछ दिक्कतों के चलते सईदा की पहली फिल्म कांच की गुड़िया बनने में देरी हो गई और उन्हें इसी बीच दूसरी फिल्म अपना हाथ जगन्नाथ में काम मिल गया। इस फिल्म में सईदा को उस जमाने के स्टार कहे जाने वाले किशोर कुमार के साथ कास्ट किया गया। किशोर कुमार उनसे 20 साल बड़े थे। फिल्म अपना हाथ जगन्नाथ हिट रही और सईदा को हिंदी सिनेमा में पहचान मिल गई। इसी साल उनकी फिल्म हनीमून भी रिलीज हुई, जिसमें वो मनोज कुमार के साथ नजर आईं। अगले साल दोनों फिल्म कांच की गुड़िया में दिखे। इस फिल्म के ज्यादातर गाने काफी हिट रहे थे। ये वही फिल्म थी, जिससे मनोज कुमार को स्टारडम हासिल हुआ था। 50 के दौर में कई सुपरस्टार्स के साथ बनी जोड़ी शुरुआती दो फिल्मों से सईदा खान ने हिंदी सिनेमा में वो मजबूत पकड़ बनाई कि उन्हें उस जमाने के मशहूर कलाकारों राजकुमार, फिरोज खान, शशि कपूर, प्रदीप कुमार के साथ काम करने का मौका मिला। यंग एक्ट्रेसेस के आने से बर्बाद हुआ करियर, घर चलाने के लिए बन गईं बी-ग्रेड एक्ट्रेस 60 के दशक के अंत में वैजयंतीमाला, वहीदा रहमान जैसी कई नई हीरोइनें हिंदी सिनेमा में जगह बना रही थीं, जो क्लासिकल डांस में भी माहिर थीं। ऐसे में समय के साथ सईदा खान का चार्म खत्म होने लगा। एक समय ऐसा भी आया, जब उन्हें हिंदी सिनेमा में काम मिलना लगभग बंद हो गया। सईदा पर मां और बहन की जिम्मेदारी थी। जब फिल्मों से आने वाला पैसा मिलना बंद हुआ, तो परिवार को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। जब कोई रास्ता नहीं बचा तो सईदा ने घर खर्च चलाने के लिए बी-ग्रेड फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया। कुछ फिल्मी इतिहासकारों का मानना ये भी रहा कि जब फिल्मी गलियारों में बात फैली कि उनकी मां अनवरी एक डांसर थीं, तो लोगों ने उन्हें अच्छे रोल देना बंद कर दिया। बी-ग्रेड फिल्मों में काम करते हुए सईदा की आखिरी फिल्म 1968 की वासना थी, जिसमें वो एक्टर राजकुमार को रिझाने वाली चमेली बाई के साइड रोल में नजर आई थीं। 1968 की फिल्म वासना के बाद सईदा खान ने बी-ग्रेड फिल्मों और रोल्स से तौबा कर ली। जब उन पर आर्थिक संकट आया तो उस दौर के प्रोड्यूसर ब्रिज सदाना ने उनकी काफी मदद की। वो सईदा की घर चलाने में मदद करने के साथ-साथ अपनी फिल्मों में उन्हें काम भी दिलवाया करते थे। मदद के बदले प्रोड्यूसर ने दिया था शादी का प्रस्ताव सईदा खान की मदद करने के बदले एक दिन प्रोड्यूसर ब्रिज सदाना ने उन्हें शादी के लिए प्रपोज किया। हालातों से हार चुकीं सईदा ने ब्रिज सदाना को ये कहते हुए इनकार कर दिया कि उनके ऊपर मां और बहन की जिम्मेदारी है। ऐसे में वो कभी शादी नहीं करेंगी। ब्रिज उन्हें इस कदर पसंद करते थे कि उन्होंने आश्वासन दिया कि शादी के बाद वो उनके परिवार की जिम्मेदारी उठाएंगे। आखिरकार सईदा खान मान गईं और उन्होंने 60 के दशक के आखिर में ब्रिज सदाना से शादी कर ली। उन्होंने 1970 में बेटे कमल सदाना को जन्म दिया। जिसके बाद उनके घर बेटी का जन्म हुआ, जिसका नाम नम्रता रखा गया था। शादी के बाद सईदा खान ने फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बना ली और एक पारिवारिक जीवन जीने लगीं। सईदा अपने परिवार के साथ बांद्रा इलाके की 28th रोड के जल कमल बंगले में रहती थीं, जबकि ब्रिज सदाना ने उनकी मां और बहन शगुफ्ता को कार्टर रोड के घर में रखा था। बहन को सईदा की नाजायज बेटी समझते थे पति सईदा खान अपनी बहन शगुफ्ता से बेहद प्यार करती थीं। दोनों की उम्र में बड़ा फासला था और देखने में भी दोनों काफी हद तक एक जैसी दिखती थीं। उस समय खबरें आईं कि सईदा की मां अनवरी बेगम ने शगुफ्ता को गोद लिया था, लेकिन इस बात ने सईदा के पति ब्रिज सदाना के जेहन में शक पैदा कर दिया। शराब पीकर करते थे मारपीट ब्रिज सदाना को लगता था कि शगुफ्ता, सईदा की नाजायज बेटी है, जिसे वो दुनिया के सामने बहन बनाकर रखती हैं। ब्रिज सदाना का ये शक इतना बढ़ने लगा कि घर में आए दिन झगड़े होने लगे। 80 का दशक ब्रिज सदाना के लिए बेहद तनावपूर्ण साबित हुआ। उनकी बनाईं ज्यादातर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप हो गईं। करियर की ढलान पर वो शराब के आदी हो गए। जब भी ब्रिज सदाना शराब पीते थे, तब-तब घर में झगड़ा होना तय था। कई बार तो उन्होंने सईदा पर हाथ भी उठाया था। ब्रिज ने फिल्मी पार्टियों में सईदा के साथ बदसलूकी की थी, जिसके चश्मदीद कई करीबी लोग रहे थे। नरगिस दत्त ने की थी सईदा की मदद ब्रिज सदाना हमेशा अपने साथ एक लाइसेंस वाली गन रखा करते थे। जब भी उनका झगड़ा होता था, वो गन निकालकर सईदा को मारने की धमकी दिया करते थे। 1978 की बात है, एक दिन सईदा का पति से जोरदार झगड़ा हुआ। हमेशा की तरह गुस्से में सईदा घर छोड़कर अपने 8 साल के बेटे कमल सदाना के साथ कार्टर रोड स्थित घर पहुंच गईं। गुस्से में ब्रिज सदाना उनके पीछे-पीछे पहुंच गए। जब सईदा ने दरवाजा खोलने से साफ इनकार किया, तो ब्रिज गार्ड को धमकाने लगे। जब गार्ड ने उन्हें रोकना चाहा तो उन्होंने जेब में रखी गन निकालकर हवाई फायर कर दिया। सईदा खान, एक्ट्रेस नरगिस दत्त की करीबी दोस्त थीं, जो उस समय राजनीति में कदम रख चुकी थीं। जब सईदा ने नरगिस से मदद मांगी, तो अपने पावर का इस्तेमाल कर उन्होंने ब्रिज सदाना की गन जब्त करवा ली। गन जाने से सईदा को राहत जरूर मिली, लेकिन जब प्रोड्यूसर्स को अंडरवर्ल्ड की धमकियां मिलने लगीं तो मौके का फायदा उठाते हुए ब्रिज सदाना ने फिर गन खरीद ली। ये किस्सा सईदा के बेटे और एक्टर कमल सदाना ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में बताया था। दोनों के बीच लगातार झगड़े बढ़ने लगे और 21 अक्टूबर 1990 को ब्रिज सदाना ने उनकी हत्या कर दी। सईदा की मौत के 2 साल बाद फिल्मों में आए कमल सदाना सईदा खान के बेटे कमल सदाना 16 साल की उम्र से पिता के असिस्टेंट बनकर फिल्मों में काम कर रहे थे। जिस साल उनका परिवार खत्म हुआ, उसी साल कमल सदाना को फिल्म बेखुदी में काजोल के साथ कास्ट किया गया था। काजोल और सदाना ने फिल्म बेखुदी से बॉलीवुड डेब्यू किया था। कमल से पहले ये फिल्म सैफ अली खान को दी गई थी। हालांकि, उनके अनप्रोफेशनल रवैये के चलते उन्हें हटाकर कमल को कास्ट किया गया था। ये फिल्म उनकी मां की मौत के 2 साल बाद 1992 में रिलीज हुई थी। आगे कमल रंग, फौज, बाली उमर को सलाम, हम सब चोर हैं, अंगारा जैसी दर्जनों फिल्मों का हिस्सा रहे। हालांकि, उन्हें कभी फिल्मों में कामयाबी नहीं मिल सकी। साल 2005 में कमल ने बतौर डायरेक्टर फिल्म करकश से करियर की दूसरी पारी शुरू की थी, लेकिन ये फिल्म भी कोई खास कमाल नहीं दिखा सकी। साल 2007 में उन्होंने पिता ब्रिज सदाना की फिल्म विक्टोरिया नंबर 203 की रीमेक प्रोड्यूस की थी, जिसमें जिमी शेरगिल, अनुपम खेर, ओम पुरी, प्रीति झिंगियानी लीड रोल में थे। साल 2007 की फिल्म विक्टोरिया नंबर 203 के 15 साल बाद कमल ने फिल्म सलाम वेंकी से एक्टिंग कमबैक किया था। आखिरी बार वो फिल्म पिप्पा में सैम मानेकशॉ के रोल में नजर आए थे। 20वें जन्मदिन पर हुई मां सईदा की मौत के बाद कमल ने कभी जन्मदिन नहीं मनाया। कमल सदाना ने मेकअप आर्टिस्ट लीजा जॉन से शादी की है, जिससे उन्हें 2 बच्चे हैं। उन्होंने अपनी बेटी का नाम दिवंगत बहन के नाम पर नम्रता रखा है। अगले शनिवार पढ़िए कहानी, फोक सिंगर अमर सिंह चमकीला की जिनकी विवादित लिरिक्स के चलते हत्या कर दी गई। सालों बाद आज भी उनकी मौत की साजिश रचने वाले पकड़े नहीं जा सके। फिल्मों और सितारों की ये अनसुनी दास्तानें भी पढ़िए- पहले हथौड़े से वार किया, फिर फंदे पर लटकाया:कंस्ट्रक्शन वर्कर ने की थी हॉलीवुड एक्ट्रेस एड्रीन की हत्या, उनपर बनी हैं 2 सीरीज और डॉक्यूमेंट्रीज हॉलीवुड एक्ट्रेस, डायरेक्टर और राइटर एड्रीन की, जिसके कत्ल ने पूरी हॉलीवुड इंडस्ट्री को झकझोर दिया था। एड्रीन महज 40 साल की थीं, जब उनके बाथटब में उनकी लाश मिली थी। हर किसी का मानना था कि उन्होंने आत्महत्या की है, लेकिन महीनों बाद जब उनकी मौत से पर्दा उठा तो हर कोई हैरान था। एड्रीन ने आत्महत्या नहीं की थी, उनकी हत्या हुई थी, वो भी बिल्डिंग में काम करने वाले एक मामूली कारपेंटर के हाथों। आगे पढ़िए.. मलयाली एक्ट्रेस रानी पद्मिनी, जिनका 3 नौकरों ने किया कत्ल:जो घर खरीदना था उसके बाथरूम में छिपाई लाश, अस्पताल में लावारिस पड़ा रहा शव मलयाली एक्ट्रेस रानी पद्मिनी, जिनकी घर के 3 नौकरों ने एक बेइज्जती का बदला लेने के लिए हत्या कर दी। उनका शव उनके बाथरूम में ही छिपाया गया था। एक्ट्रेस अपनी मां का सपना पूरा करने के लिए फिल्मों में आई थीं, लेकिन पहली हिंदी फिल्म रिलीज से पहले ही उनकी मौत हो गई। आगे पढ़िए.. सोने की जरी वाले कपड़े पहनती थीं शहनाज:मुगल-ए-आजम में हीरोइन बनीं तो शाही परिवार नाराज हुआ, पति ने मारपीट कर बच्चे छीन लिए भोपाल के शाही परिवार में जन्मीं शहनाज, मुगल ए आजम में अनारकली का रोल निभाने वाली थीं। सोने-चांदी की जरी वाले कपड़े पहनने वालीं शहनाज को उनके परिवार ने फिल्मों में आने की इजाजत नहीं दी। इस बात से नाराज पति ने भी मारपीट शुरू कर दी। जिंदा रहने के लिए पति का घर छोड़ा, तो शहनाज ने जिंदगी के 20 साल अपने बच्चों की तलाश में गुजारे। आगे पढ़िए..