होटलों में खाने की बर्बादी रोकने के लिए कानून लाने की इच्छा नहीं: पासवान
|उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने गुरुवार को कहा कि सरकार होटलों और रेस्तरां में खाने की बर्बादी को रोकने के लिए कोई कानून लाने की इच्छा नहीं रखती, बल्कि वह उन्हें खुद कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि होटलों और रेस्तरां को उपभोक्ताओं को परोसे जाने वाले व्यंजनों की मात्रा के बारे में उनके बीच जागरूकता पैदा करने के संबंध में अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने जैसे स्वैच्छिक उपायों को करने को कहा गया है।
इससे पहले पासवान ने कहा था कि सरकार होटलों और रेस्तरां से कहेगी कि परोसे जाने वाले व्यंजनों की मात्रा के बारे में जानकारी दी जाए, ताकि ग्राहक सही मात्रा में इसके लिए अपना ऑर्डर दे सकें। पासवान ने बताया, ‘हम इसके लिए कोई नियम बनाना नहीं चाहते और कोई परामर्श न ही कोई नया कानून बनाना चाहते हैं। हम होटलों और रेस्तरां से अपेक्षा करते हैं कि वे खाद्य पदार्थों की बर्बादी की रोकने के लिए खुद कदम उठाएं।’
उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों की बर्बादी की समस्या ‘ढाबों’ और सड़क पर खाद्य सामान बेचने वालों में नहीं है बल्कि यह अधिकतम देश के स्टार होटलों और रेस्तरां में है। पासवान ने कहा कि इस मुद्दे पर होटलों और रेस्तरां संघों के साथ विचार विमर्श हुआ जो खाद्य पदार्थों की बर्बादी को रोकने के लिए कदम उठाने पर सहमत हुए हैं।
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