हॉकी वर्ल्ड लीग: कनाडा से हारकर भारत को छठे स्थान से करना पड़ा संतोष
|हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल्स में पांचवे और छठे स्थान के लिए खेले गए प्लेऑफ मुकाबले में भारत कनाडा से 2-3 से हार गया। पहले हाफ तक भारत कनाडा पर हावी था। हाफ टाइम का खेल खत्म होने के वक्त वह 2-1 से आगे था, लेकिन तीसरे क्वॉर्टर में कनाडा ने जोरदार वापसी करते हुए 2 बेहतरीन गोल कर मैच पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली। और इस अहम मुकाबले को 2-3 से अपने नाम कर लिया। भारत की ओर से दोनों गोल हरमनप्रीत सिंह ने किए, तो वहीं गोर्डन जोनाथन ने 2 और के. परेरा ने 1 गोल किया।
मैच के पहले ही क्वॉर्टर में कनाडा ने शानदार शुरुआत की। तीसरे ही मिनट में उसे पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे गोर्डन जोन्सथन ने गोल में तब्दील करने में कोई गलती नहीं की। इसके बाद मैच के 7वें मिनट में भारत को पेनल्टी कॉर्नर का मौका मिला, इस बार हरमनप्रीत सिंह ने कोई गलती नहीं की। इस तरह भारत ने स्कोर को 1-1 से बराबर कर दिया।
इस गोल के बाद भारत ने कनाडा पर अपना आक्रमण और तेज कर दिया। भारतीय टीम लगातार कनाडा के गोल पोस्ट पर हमले कर रही थी। इस आक्रामक खेल की बदौलत उसे एक के बाद एक दो पेनल्टी कॉर्नर और मिले, लेकिन दोनों भी मौकों पर भारत कनाडा की रक्षा पंक्ति को भेद नहीं पाया।
दूसरे क्वॉर्टर में दोनों टीमें एक-दूसरे पर फिर से गोल के मौके तलाशती रहीं। इस बीच भारत को 22वें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला। हरमनप्रीत ने एक बार फिर इसे गोल बदलने में कोई गलती नहीं की। हरमनप्रीत का यह दूसरा गोल था और इस गोल से भारत ने कनाडा पर 2-0 की बढ़त ले ली।
हाफ टाइम के बाद कनाडा पर बढ़त बना चुकी भारतीय टीम ने फिर आक्रामक खेल खेला। इस बीच भारत ने अपने अटैकिंग खेल के जरिए कई मौके तो बनाए, लेकिन कनाडा की रक्षा पंक्ति ने अपने गोल को भेदने का मौका नहीं दिया। इस बीच भारत को पेनल्टी कॉर्नर तो मिले, लेकिन भारतीय टीम गोल नहीं कर पाई। इस बीच तीसरे क्वॉर्टर में कनाडा ने एक के बाद एक 4 मिनट के भीतर दो गोल दागकर भारत पर बढ़त बना ली।
मैच के 40वें मिनट में कनाडा के लिए के. परेरा गोल दागकर स्कोर को 2-2 से बराबर किया, तो 4 मिनट बाद ही यानी खेल के 44वें मिनट में जोनाथन ने मैच में अपना दूसरा गोल दागकर कनाडा को 2-3 से बढ़त दिला दी। जोनाथन का यह गोल निर्णायक साबित हुआ। कनाडा ने तीसरे क्वॉर्टर का खेल 2-3 पर खत्म किया। चौथे क्वॉर्टर में भारत मैच में वापसी की राह तलाशता रहा, लेकिन उसे कोई मौका नहीं मिला। हालांकि मैच में भारत को कई पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन केवल दो ही मौकों पर वह गोल कर पाया।
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