हालात इतने भी खराब नहीं: वित्त मंत्री अरुण जेटली
|तेल की गिरती कीमतों, अमेरिकी डॉलर की मजबूती और चीन की मंद पड़ रही विकास की गति का असर दुनिया भर के बाजारों पर पड़ रहा है। बुधवार को भी रुपया 28 महीने के निचले स्तर पर जा गिरा तो सेंसेक्स ने भी 20 महीने का निचला स्तर छू लिया। इतना ही नहीं रूस की करंसी रूबल में भी बुधवार को ऐतिहासिक गिरावट आई। इस बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने माना कि भारत भी इन हालात से अछूता नहीं है। लेकिन, लगे हाथ उन्होंने यह भी कहा कि हालात इतने भी बुरे नहीं हैं कि संभाले नहीं संभलें।
स्विट्जरलैंड के शहर दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) से इतर जेटली ने न्यूज चैनल एनडीटीवी से कहा कि दुनिया के बाजारों में उथलपुथल का असर भारत के निर्यात पर पड़ा है। लेकिन, यह बहुत बड़ी चिंता की बात नहीं है। वहीं, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की तुलना में कन्जयूमरों को राहत नहीं मिलने के सवाल पर जेटली ने कहा कि सस्ते तेल से हो रही पूरी की पूरी बचत सरकार की जेब में नहीं जा रही है।
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वित्त मंत्री ने स्टार्ट अप इंडिया अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इस अभियान में पूरे भारत का दर्शन हुआ जब देशभर से युवा उद्यमी दिल्ली के विज्ञान भवन में जुटे। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को नए ढंग-ढांचे में ढालना वक्त की मांग है क्योंकि पुरानी अर्थव्यवस्था में सबको रोजगार नहीं मिल सकते। यह बात सही है कि दुनिया भर की विभिन्न संस्थाएं और एक्सपर्ट एक ओर जहां आर्थिक मंदी की आहट सुन रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनका कहना है कि भारत उन गिनेचुने अर्थव्यवस्थाओं में होगा जो उम्मीद के अनुसार विकास करेगा।
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बाजार में स्थिरता आएगी, निवेशक भारत की ओर झुकेंगे: राजन
भारतीय शेयर बाजार में गिरावट तथा रुपये के न्यूनतम स्तर पर पहुंचने के साथ बढ़ती चिंताओं को दूर करने का प्रयास करते हुए रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि चीजें स्थिर होंगी और लोग भारत समेत अन्य देश को स्थिर उभरते बाजार के रुप में देखेंगे। राजन ने कहा कि उभरते बाजारों की करंसी में रुपया तुलनात्मक रूप से मजबूत है लेकिन भारत पर भी कुछ वैश्विक चिंताओं का असर है।
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उन्होंने कहा कि उभरते बाजारों को इस समय अपने अर्थव्यवस्था की बुनियादी बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। ‘उन्हें मुद्रास्फीति नीचे रखने, चालू खाते के घाटे को निम्न स्तर पर रखने का प्रयास करने और राजकोषीय लक्ष्यों को हासिल करने पर ध्यान देना चाहिए। ऐसा करने से लोग आपका ध्यान देंगे।’ राजन ने कहा कि निवेशकों को अपना धन हटाने में जल्दबाजी रहती है लेकिन वे वापस भी आते हैं।
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