स्वतंत्रता दिवस पर बोले केजरीवाल, ‘स्मार्ट सिटिजन बनाने होंगे, सिटी खुद बन जाएगी स्मार्ट’
|दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने ठेकेदारी प्रथा को खत्म करने की जोरदार वकालत करते हुए ठेकेदारों को कड़ी चेतावनी भी दी। दसवीं में फेल हुए हजारों बच्चों को फिर से ऐडमिशन दिलाने और नए स्किल सेंटर शुरू करने की घोषणा भी की। डेंगू-चिकनगुनिया के खिलाफ शुरू किए जाने वाले युद्ध में आम लोगों की भागीदारी की अपील भी की। केजरीवाल ने वर्णिका कुंडू मामले का जिक्र करते हुए कहा कि जिन नेताओं के बेटे इस तरह की हरकतें करते हैं, उन्हें दोगुनी सजा मिलनी चाहिए। केजरीवाल ने इस दौरान बिना नाम लिए स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्ट को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को भी सुनाया। केजरीवाल ने कहा कि आजादी के 70 साल में कई सरकारें आईं और गईं। स्मार्ट सिटी, स्मार्ट विलेज बनाने के दावे किए गए लेकिन इतना पैसा फूंकने के बाद भी स्मार्ट सिटी नहीं बन पाई।
ठेकेदारी प्रथा को बंद करवा कर रहेंगे
सीएम अरविंद केजरीवाल ने मजदूरों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि चुनाव के समय मजदूरों को याद किया जाता है और उसके बाद उन्हें भुला दिया जाता है, लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार ने दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी में 37 पर्सेंट की बढ़ोतरी की। इसके बाद जब मजदूरों से बात की तो पता चला कि अभी भी पूरी मजदूरी नहीं दी जा रही है और सारा पैसा ठेकेदार खा जाते हैं। सीएम ने ऐलान किया, ‘मजदूरों के हक की लड़ाई लड़ूंगा और ठेकेदारी प्रथा को बंद करवा कर रहूंगा।’ सीएम ने कहा कि सफाई, सिक्यॉरिटी जैसे 365 दिन होने वाले काम में कोई ठेकेदारी प्रथा नहीं होनी चाहिए जबकि अगर कोई बिल्डिंग बनती है तो कुछ महीने का काम होता है, वहां पर ठेके पर काम किया जा सकता है।
एक साल में 25 नए स्किल सेंटर
सीएम ने कहा कि पैरंट्स को अपने बच्चों की नौकरी की सबसे ज्यादा चिंता होती है। सरकार में तो सीमित नौकरियां हैं और ऐसे में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नई सोच जरूरी है। विवेक विहार में सिंगापुर सरकार के साथ मिलकर वर्ल्ड क्लास स्किल सेंटर का प्रयोग काफी कामयाब रहा है और यहां पर एक साल का कोर्स करने के बाद स्टूडेंट्स को कई अवसर मिलते हैं। अगले एक साल में दिल्ली सरकार 25 नए स्किल सेंटर शुरू करने जा रही है, जहां पर हर साल 25 हजार स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग मिलेगी।
फेल स्टूडेंट्स को स्पेशल क्लासेज
सीएम ने कहा कि 8वीं तक फेल न किए जाने की नीति ने पूरे एजुकेशन सिस्टम का बेड़ागर्क कर दिया है। इसका नतीजा यह होता है कि 8वीं तक तो स्टूडेंट्स को पास कर दिया जाता है और उसके बाद बच्चे फेल होते हैं। 10वीं में करीब 60 हजार स्टूडेंट्स फेल हो गए हैं लेकिन वे बच्चे पढ़ना चाहते हैं और सरकार उन सभी बच्चों को स्कूल में ऐडमिशन दिलवाएगी। उन बच्चों के लिए स्पेशल क्लासेज लगाई जाएंगी। 12वीं के बाद जो बच्चे किसी कारण से आगे नहीं पढ़ना चाहते, उनको भी स्किल ट्रेनिंग के जरिए रोजगार के बेहतर मौके मिल पाएंगे।
हेल्थ और एजुकेशन पर फोकस
सीएम केजरीवाल ने कहा कि आजादी के 70 साल में कई सरकारें आईं और गईं। स्मार्ट सिटी, स्मार्ट विलेज बनाने के दावे किए गए लेकिन इतना पैसा फूंकने के बाद भी स्मार्ट सिटी नहीं बन पाई। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जब तक स्मार्ट सिटिजन नहीं बनेंगे, तब तक स्मार्ट सिटी कैसे बन सकती है। पहले आवाम को स्मार्ट बनाना होगा तो अपने आप स्मार्ट सिटी बन जाएगी। आप सरकार एजुकेशन-हेल्थ पर कुल बजट का 38 पर्सेंट खर्च किया जा रहा है। जब नागरिकों को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, स्किल डिवेलपमेंट कोर्सेज मिलेंगे तो वे स्मार्ट सिटिजन बनेंगे।
डेंगू के खिलाफ युद्ध छेड़ेंगे
सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार डेंगू और चिकनगुनिया के प्रसार को रोकने के लिए अगले दस दिन में एक विस्तृत योजना लेकर आएगी। केजरीवाल ने कहा कि सरकार मच्छरजनित बीमारियों का फैलाव रोकने के लिए युद्धस्तर पर कदम उठाएगी। सीएम ने इसके लिए दिल्लीवासियों का सहयोग मांगा और कहा कि जिस तरह से ऑड-इवन योजना लागू करने में दिल्ली वालों ने सहयोग दिया, उसी तरह से डेंगू-चिकनगुनिया के मच्छरों को खत्म करने की लड़ाई में भी दिल्ली वाले सहयोग देंगे।
‘ऐसे नेता को तमाचा लगाया जाए’
सीएम केजरीवाल ने चंडीगढ़ की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक नेता के बेटे ने गलत काम करने की कोशिश की और उसके बचाव में एक दूसरा नेता कहता है कि लड़की रात को क्यों निकलती हैं। सीएम ने बेहद सख्त लहजे में कहा कि ऐसा कहने वाले नेता की सोच निंदनीय है। केजरीवाल यही नहीं रुके और उन्होंने चंड़ीगढ़ का मामला सामने आने के बाद बीजेपी नेता के बेटे के समर्थन में बयान देने वाले नेता की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि एक नेता ने इस घटना के बाद यह कहा था कि लड़कियों का रात में अकेले नहीं घूमना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मन में आता है कि ऐसे नेता को तमाचा लगाया जाए।’ सीएम ने कहा कि नेता का बेटा अगर गलत काम करे तो उसे दोगुनी सजा मिलनी चाहिए ताकि समाज में यह संदेश जाए कि चाहे कोई भी हो, वह बच नहीं सकता। लेकिन आजकल देखने में आता है कि सारी व्यवस्था उस नेता को बचाने में लग जाती है। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों से निपटने के लिए न्याय त्वरित और सुनिश्चित होना चाहिए। सीएम ने इस तरह के मामलों में शामिल नेताओं के पुत्रों को ‘बचाने की प्रवृत्ति’ की आलोचना की।
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