‘सूंड’ वाली गणेशा गर्ल का जन्म, उमड़े लोग

एरम आगा, अलीगढ़
क्रिकेट वर्ल्ड कप का भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच गुरुवार को सेमी फाइनल मुकाबला आकर्षण का मुख्य केंद्र था लेकिन एक बच्ची के जन्म ने क्रिकेट के रोमांच को काफूर कर दिया। बच्ची का जन्म एक छोटे कमरे में अलीगढ़ के कोठी लंकराम इलाके में हुआ। इस बच्ची की एक झलक पाने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ गया। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बच्ची ‘सूंड’ के साथ पैदा हुई थी।

जब यह खबर लोगों के बीच फैली तो नई बस्ती, कवारसी, सिविल लाइंस और मैरिस रोड इलाके के लोग बच्ची की एक झलक पाने के लिए जुटने लगे। सभी वर्गों और मजहब के लोगों के बीच बच्ची की झलक पाने के लिए होड़ सी लग गई। स्थानीय लोगों ने इसे भगवान गणपति करार दिया।

ऐसे में इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच सेमी फाइनल मुकाबले का रोमांच पीछे छूट गया। अमरजीत, अली और सलमान समेत कई लोग बच्ची के घर के बाहर खड़े थे। इन्होंने कहा कि सेमी फाइनल मुकाबले को छोड़ वे बच्ची की एक झलक पाना चाहते हैं। महिलाएं भी रोज का कामकाज छोड़ बच्ची की झलक पाने पहुंचने लगीं। महिलाओं ने वहां पहुंच गीत-संगीत गाना शुरू कर दिया। ऐसा लग रहा था कि घर में किसी देवी की आगमन हुआ है।

लोगों में बच्ची की झलक पाने का उन्माद ऐसा था कि प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा। प्रशासन ने लोगों को समझाया कि घर छोटा है और नवजात बच्ची जहां है वहां पहुंचने के लिए एक ही सीढ़ी है। लोकल इंटेलिजेंस यूनिट के ऑफिसरों ने कहा कि सभी एक साथ नहीं आएं।

बच्ची एक छोटे से कमरे में लेटी थी। लोग बच्ची का देवी के रूप में दर्शन कर रहे थे। 60 साल की ओमवती देवी नवजात बच्ची की दादी हैं। वह भीड़ से छुटकारा चाहती हैं। उन्होंने कहा कि अपने घर में आज तक इतने लोगों को कभी नहीं देखा।

बच्ची के पिता ओम प्रकाश बिल्कुल सामान्य हैं। इन्हें उम्मीद है कि इस बच्ची के जन्म से उनके तरक्की होगी। ओम प्रकाश की कमाई भी खास नहीं है। वह सब्जी बेचते हैं और हर दिन 250 रुपये कमाते हैं। अब इन्हें भरोसा है कि इस बच्ची के जन्म से इनकी किस्मत बदलेगी। बच्ची की मां भी लोगों के घरों में काम करती है।

बच्ची का अभी नाम नहीं रखा गया है। इसका जन्म गुरुवार को सात बजे सुबह हुआ था। दरअसल लड़की की नाक इतनी लंबी है कि चेहरा छिप जा रहा है। लड़की के चेहरे पर ऐसा लग रहा था कि हाथी की सूंड लटक रही है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा जीन परिवर्तन के कारण हुआ है। डॉक्टरों ने बताया कि ऐसा कुपोषण और प्रदूषण लेवल बढ़ने के कारण होता है।

हालांकि जीवन हॉस्पिटल के डॉ. जयंत शर्मा बच्ची की जान बचाने के लिए माता-पिता को सतर्क कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों और बच्चियों का जन्म पहले होता था और दुर्भाग्य से मर जाते थे। हालांकि यह बच्ची जिंदा है और इसकी तत्काल सर्जरी करानी चाहिए।

इंग्लिश में पढ़ें, People flock to see ‘Ganesha’ girl

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