सिटी व सदर-पहाड़गंज जोन के गठन पर फंसा पेच
|नॉर्थ एमसीडी के सिटी व सदर-पहाड़गंज जोन के गठन पर पेच फंस गया है। कानूनी अड़चन के चलते जोन के गठन का मसला फिलहाल टाल दिया गया है। अब इस जोन के गठन में आप के एल्डरमैन (मनोनीत सदस्य) भी वोट डालेंगे, इसके बावजूद तीनों पार्टियों के पास बहुमत नहीं है। जोड़तोड़ की संभावना नजर आ रही है। इस मसले पर कल एमसीडी मुख्यालय पर कांग्रेसी पार्षदों ने जबर्दस्त नारेबाजी की।
नॉर्थ एमसीडी के सभी छह जोनल वॉर्ड का कल गठन होना था। निगम कार्यालय ने इनमें से चार जोन के चुनाव करवा दिए, लेकिन सिटी व सदर-पहाड़गंज जोन और नरेला जोन का चुनाव यह कहकर रोक दिया गया कि इस मामले में कुछ कानूनी पेच आ गया है। पता चला कि आप नेता इस मसले पर स्टे ले आए हैं। विपक्ष के नेता राकेश कुमार के अनुसार जोन के गठन से पहले एल्डरमैन को शपथ दिलाई जानी चाहिए, ताकि वह चुनाव में अपना वोट दे सकें। लेकिन एमसीडी में सत्तारूढ़ बीजेपी नेता शपथ दिलाने से पहले चुनाव चाहते हैं ताकि इन दोनों जोन में बीजेपी पार्षद सभी पदों पर आ गए। इसलिए हम स्टे ले आए कि पहले एल्डरमैन को शपथ दिलाओ, फिर चुनाव करवाओ।
इस विवाद के चलते कल एमसीडी मुख्यालय सिविक सेंटर पर कांग्रेसी पार्षदों ने खासा हंगामा किया और जबर्दस्त नारेबाजी की। वरिष्ठ कांग्रेसी पार्षद आले मोहम्मद का कहना था कि यह स्टे सिटी व सदर-पहाड़गंज जोन के लिए नहीं है, उसके बावजूद चुनाव रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव हो जाता तो अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी कांग्रेस के बन जाते। उन्होंने दावा किया कि इसके बावजूद जोन में उनकी पार्टी के पार्षद ही विभिन्न पदों पर जीतकर आएंगे।
वैसे इस जोन के गठन में पेच फंसता नजर आ रहा है। असल में सिटी व सदर-पहाड़गंज जोन में 13 पार्षद चुनकर आए हैं। इनमें कांग्रेस के छह, बीजेपी के चार और आप के तीन पार्षद शामिल हैं। इसके अलावा आप की ओर से इस जोन में चार एल्डरमैन भी बनाए गए हैं। इनको जोड़कर इस जोन के कुल सदस्यों की संख्या 17 हो गई, जबकि आप के सदस्य बढ़कर सात हो गए। लेकिन पेच है कि इस जोन के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व स्थायी समिति के अध्यक्ष के लिए होने वाले चुनाव में जीत उसी को मिलेगी, जिसे 50 प्रतिशत (नौ) वोट मिलेंगे। लेकिन यह संख्या तीनों में से किसी भी दल के पास नहीं है। इसलिए माना जा रहा है कि इनके चुनाव में जोड़तोड़ अवश्य होगी। सूत्र बताते हैं कि कल इस मसले को लेकर बीजेपी और कांग्रेस नेताओं ने विचार-विमर्श किया, लेकिन उनके बीच बात नहीं बन पाई।
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