साउथ एमसीडी ने नहीं लगाए टैक्स
|साउथ एमसीडी में रहने वाले लोगों को नॉर्थ और ईस्ट एमसीडी की तरह प्रफेशनल टैक्स और बेटरमेंट टैक्स से नहीं जूझना होगा। साउथ एमसीडी अपने अगले साल के बजट में इन दोनों टैक्स को नहीं लगाने जा रही है। वह अपने बजट में एकमात्र प्रॉपर्टी टैक्स पर एजुकेशन सेस लगाने जा रही है, लेकिन उसका प्रतिशत बहुत कम है। इसके अलावा प्रॉपर्टी टैक्स में कुछ छूट को भी वापस लिया जा रहा है। लाभ में चल रही इस एमसीडी के बजट में विकास योजनाओं को तरजीह दी जा रही है।
साउथ एमसीडी कमिश्नर डॉ़ पुनीत कुमार गोयल आज दोपहर 12 बजे अगले वित्तीय वर्ष का बजट पेश करेंगे। दिल्ली की तीनों एमसीडी में सिर्फ साउथ एमसीडी ही ऐसा स्थानीय निकाय है जिसकी आर्थिक स्थिति ठीक है और वहां योजनाओं को लगातार अमली जामा मिलता है। सूत्र बताते हैं कि अपने इसी आर्थिक ढांचे को देखते हुए कमिश्नर दोनों निगमों की तरह बड़े प्रफेशनल टैक्स और बेटरमेंट टैक्स नहीं लगाने जा रहे हैं। वह अपने बजट में सिर्फ एक ही टैक्स लाने जा रहे हैं जो मामूली है। सूत्रों के अनुसार प्रॉपर्टी टैक्स पर एजुकेशन सेस लगाया रहा है, लेकिन यह टैक्स कुल टैक्स पर मात्र एक प्रतिशत ही होगा। ईस्ट एमसीडी ने तो इस सेस को 5 प्रतिशत प्रस्तावित किया है। सूत्र बताते हैं कि इसके अलावा प्रॉपर्टी टैक्स में दी रही कुछ छूट भी वापस ली जा रही है, जिसमें ग्रुप हाउसिंग सोसायटी द्वारा एक साथ टैक्स जमा कराए जाने पर 20 प्रतिशत की छूट वापस लेना शामिल है।
सूत्र बताते हैं कि बजट में विकास की योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रस्ताव किया जा रहा है अब अफसरों के लिए इलेक्ट्रिक कारें खरीदी जाएंगी। इसके अलावा स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस को बढ़ाया जाएगा और दस स्कूलों में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के सहयोगस से स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स खोले जाएंगे। गांवों में कम्युनिटी सेंटरों की संख्या बढ़ाई जाएगी और शहरों के ऐसे सेंटरों को एयरकंडीशन किया जाएगा। बजट में पूरे साउथ एमसीडी में स्ट्रीट लाइटों को एलईडी में बदलने की भी जानकारी दी जा रही है और यह भी बताया जा रहा है कि अब अनधिकृत कॉलोनियों में पार्षद फंड इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा।
गौरतलब है कि करीब 1397 किलोमीटर में फैली तीनों एमसीडी में साउथ एमसीडी का क्षेत्रफल लगभग 657 किलोमीटर है। इसकी आबादी करीब 80 लाख है। साउथ एमसीडी के अधीन 220 कॉलोनियां हैं, जिनमें कई सुपर पॉश भी हैं। इसके अलावा 90 गांवों का जिम्मा इसके पास है। साउथ एमसीडी में एमसीडी का कोई भी बड़ा अस्पताल नहीं है लेकिन स्कूलों की संख्या करीब 588 है और 6400 पार्क हैं। साउथ एमसीडी करोड़ों रुपये की लागत से द्वारका में अपना मुख्यालय भी बना रहा है।
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