सरकार ने माना कि अभी एक भी नया स्कूल नहीं खुला
|आम आदमी पार्टी ने जब दिल्ली में सरकार बनाई थी तो दावा किया था कि वह राजधानी में 500 नए सरकारी स्कूल खोलेगी। फिलहाल सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि उसने एक भी नया स्कूल नहीं खोला है। राजधानी में जब जीएसटी लागू किया था, तब दिल्ली सरकार ने उसकी खासी आलोचना की थी और कहा था कि इससे दिल्ली में कारोबारियों को परेशानी झेलनी होगी। लेकिन अब सरकार बता रही है कि इसे सफलतापूर्वक लागू किया गया है और इसके लागू होने से लाखों नए रजिस्ट्रेशन हुए हैं।
दिल्ली विधानसभा में कल उपराज्याल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार द्वारा तैयार किया गया अभिभाषण पढ़ा। कुल 32 पेज के इस अभिभाषण को एलजी ने 10 मिनट में खत्म कर दिया, क्योंकि वह बहुत मोटे टाइप में लिखा गया था। अभिभाषण में शिक्षा और स्वास्थ्य को छोड़कर लगभग सभी अन्य विभाग उपेक्षित ही रहे। अभिभाषण में सीलिंग को लेकर सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदमों का कोई जिक्र नही गया। अफसरों के साथ गतिरोध समाप्त करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की कोई जानकारी नहीं दी गई। अभिभाषण की जानकारी ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि सरकार ने दिल्ली में अभी तक एक भी नया स्कूल नहीं खोला है, जबकि उसने 500 स्कूल बनाने का दावा किया था। अभिभाषण की जानकारी के अनुसार दिल्ली में विभिन्न स्थानों में 25 स्कूल भवनों का निर्माण शुरू किया गया है, जिसमें से 24 पूरे हो चुके हैं। सरकार ने यह भी जानकारी नहीं दी कि 28,000 टीचरों के पद कब तक भरे जाएंगे। तीन हजार गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद करने के मसले पर भी सरकार ने कुछ नहीं बोला।
खास बात यह थी कि जब राजधानी में जीएसटी लागू किया जा रहा था उस वक्त सरकार, सीएम और मंत्री कह रहे थे कि इसके लागू होने से कारोबारियों को परेशानी होगी और सरकार का राजस्व घटेगा। लेकिन अभिभाषण में सरकार ने बताया है कि जीएसटी को सफलतापूर्व लागू किया गया और विभाग ने जीएसटी प्लैटफार्म पर अपने वर्तमान 75 प्रतिशत कारोबारियों को जोड़ा दिया है और सवा दो लाख नए रजिस्ट्रेशन भी किए हैं। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि अभिभाषण सरकार की उपलब्धियों का महत्वपूर्ण और भविष्य की योजनाओं का मार्गदर्शक ग्रन्थ होता है । कुल मिलाकर यह अभिभाषण ऐसा था कि मानो किसी स्कूली बच्चे ने दिल्ली सरकार की उपलब्धियों का पुलिंदा तैयार किया हो। इसमें तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। सरकार का एक ही मकसद दिखा कि झूठ, असफलताओं, अनियमितताओं और कुशासन को भाषा की मीठी चाशनी में लपेटकर प्रस्तुत किया जाए। विपक्ष के नेता ने कहा कि अभिभाषण में सरकार की जिन उपलब्धियों को गिनवाया गया है वो सरकार द्वारा पिछले साल और उससे पहले प्रस्तुत बजट प्रस्तावों में किये गये वायदों के मुकाबले लगभग शून्य थी।
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