व्यापार सुगमता में कमजोर रैंकिंग से वर्ल्ड बैंक पर भड़की केंद्र सरकार
|केंद्र की सत्ता में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के काबिज होने के बाद से भारत में व्यापार सुगमता बढ़ाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। इसके बावजूद इंटरनैशनल फाइनैंस कॉर्पोरेशन की व्यापार सुगमता की रैंकिंग में भारत सिर्फ एक पायदान ऊपर चढ़ सका है। लेकिन, भारत की स्थिति को कमजोर करार देने वाली इस रिपोर्ट को लेकर केंद्र सरकार ने वर्ल्ड बैंक पर निशाना साधा है। सरकार का कहना है कि बीते एक साल में कारोबार को आसान बनाने के लिए करीब 1 दर्जन कदम उठाए गए हैं, लेकिन इंटरनैशनल फाइनैंस कॉर्पोरेशन इन्हें अपनी रिपोर्ट में शामिल नहीं किया।
मंगलवार शाम जारी की गई रिपोर्ट में 190 देशों की रैंकिंग में भारत को 130वें स्थान पर रखा गया है। भारत के मुकाबले रूस, भूटान, दक्षिण अफ्रीका, चीन, नेपाल, श्रीलंका और ब्राजील आगे रहे हैं। कारोबारी अनुकूलता के मामले में अव्वल देश के तौर पर सिंगापुर को पछाड़कर न्यू जीलैंड ने अपना स्थान बनाया है।
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वर्ल्ड बैंक की संस्था की ओर से जारी रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बीते एक साल में कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने के लिए तमाम कदम उठाए गए हैं, विश्व बैंक की शाखा ने शायद इन पर अपनी रिपोर्ट तैयार करते वक्त ध्यान नहीं दिया। हालांकि इस रिपोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से रैंकिंग में सुधार के लिए ध्यान देने और कंपनीज ऐक्ट में व्यापक बदलाव किए जाने की तारीफ की गई है।
कारोबारी अनुकूलता की रैंकिंग में भारत के स्कोर में मामूली सुधार आया है और यह 55.27 हो गया है। भारत में बिजली कनेक्शन की सुविधा, सीमा पार कारोबार के नियम आसान करने और कर्मचारियों के बीमे आदि पर काम होने के चलते रैंकिंग में मामूली सुधार दिखा है।
भारत में कारोबारी माहौल को सही बनाने को लेकर उठाए जाने वाले कदम मोदी सरकार की प्राथमिकता में रहे हैं। मोदी सरकार अपने कार्यकाल की शुरुआत से ही भारत को विदेशी निवेश के लिए आकर्षक स्थान और कारोबार को आसान बनाने के लिए काम करने में जुटी है। लेकिन, इसके बाद भी कई अन्य पैरामीटर्स पर भारत की रैंकिंग कमजोर हुई है।
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