वायरल: गंदा पानी और स्ट्रीट फूड खाने से बचें
|बदलते मौसम में वायरल बुखार के चांसेस बढ़ जाते हैं। ऐसे मौसम में पलूटेड वॉटर और स्ट्रीट फूड खाने से यह फैलता है। वायरल इंफेक्शन में डॉक्टर से चेकअप कराने में भलाई है। जबकि लापरवाही पेशंट को काफी हद तक परेशान कर सकती है। उधर, वायरल से जुड़े सवाल अभी भी एनबीटी रीडर्स पूछ रहे हैं, जिनके जवाब एक्सपर्ट डॉक्टर्स का पैनल दे रहा है। सवाल:1: बाहर निकलने के बाद अचानक से ही सिर में दर्द शुरू होता है। क्या वायरल में इस प्रकार को कोई लक्षण है? – दीपक महाजन जवाब- वायरल एक प्रकार का इंफेक्शन होता है। इसका असर मौसम के बदलने पर ठंडा पानी पीने से भी होता है। वायरल में सर्दी लगना और खांसी की प्रॉब्लम होती है। सिर में दर्द होने पर डॉक्टर को दिखाएं। सवाल:2- वायरल क्या जेनेटिक भी होता है, फिलहाल इस बीमारी से कैसे बचा जा सकता है? – संजय पांडेय जवाब- वायरल जेनेटिक नहीं होता है। इसमें पेशंट से दूरी बनाकर रखना ही फैमिली मेंबर्स के लिए फायदेमंद होता है। जबकि पेशंट की केयर करने के लिए मुंह को ढंक कर रखें। मुंह को डिटॉल से साफ करें। मौसम बदलने पर कपड़ों को साफ रखने पर खास ध्यान दें। सवाल:3- पेशंट में वायरल का इंफेक्शन कितने समय तक रहता है। मेडिकल स्टोर से दवाई लेकर वायरल ठीक हो सकता है? – रंजना दीक्षित जवाब- पेशंट में वायरल अधिकतम एक या डेढ़ हफ्ते तक रहता है। जबकि लगातार चेकअप कराने के बाद मेडिसिन लेने से असर कम होता रहता है। बिना डॉक्टर्स की सलाह और ट्रीटमेंट के दवाई कभी नहीं लें। सवाल:4- वायरल पेशंट को जल्दी रिकवर करने के लिए क्या-क्या बचाव करने होते हैं? -ऋतु माहेश्वरी जवाब- वायरल होने पर पेशंट को सबसे पहले डॉक्टर से टेस्ट करानी चाहिए। रिपोर्ट के बाद ही डॉक्टर्स दवाई देते हैं। पेशंट को गर्म पानी, बाहर का खाना और मौसम के अनुसार कपड़े पहनने चाहिए। इस दौरान टाईफाइड और मलेरिया का भी टेस्ट किया जाता है। सवाल:5- एंटीबॉयटिक दवा हर बीमारी में फायदा करती है। क्या इसे वायरल में भी ले सकते हैं? – रामकिशोर झा जवाब- ऐसी भूल कभी न करें। डॉक्टर से चेकअप के बिना कोई दवाई न लें। यह जानलेवा भी हो सकती हैं। इस बीमारी में एंटीबॉयटिक दवाई कभी न लें। इम्युनिटी टेस्ट करने के बाद डॉक्टर्स दवाई को अपने अनुसार देते हैं। सवाल:6- वायरल किन-किन बीमारियों में पेशंट के लिए घातक हो सकता है? – राजकिशोर जवाब-एड्स, लीवर इंफेक्शन या ऑटो इम्यून प्रॉब्लम वाले पेशंट के लिए वायरल जानलेवा होता है। यह प्रकार का वायरस होता है जो हवा, गंदे पानी और स्ट्रीट के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इसमें गले में दर्द, लूज-मोशन, फीवर और दूसरी परेशानियां होती हैं। सवाल:7- क्या वायरल की परेशानी में टाईफाइड और मलेरिया होना जरूरी होता है? -विजय मल्होत्रा जवाब- डॉक्टर चेकअप के दौरान ही टाईफाइड व मलेरिया की जांच करता है। टाईफाइड और मलेरिया दोनों कभी एक साथ या लगातार नहीं होते हैं। वायरल एक प्रकार का इंफेक्शन होता है जो लापरवाही बरतने पर एक पेशंट से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। सवाल:8- मेरे गले में दर्द हो रहा है, क्या ये भी वायरल का पार्ट है? -रोहित कपूर जवाब- वायरल में फीवर या इंफेक्शन जकड़ लेता है। खांसी, जुखाम, बुखार, गले में दर्द और थकान जैसी परेशानी होती हैं। कभी-कभी बारिश में भीगने के बाद इंफेक्शन हो जाता है। इससे गलेमें दर्द व सूजन हो जाते हैं। जबकि जुखाम में डिपोजल टिशू पेपर का यूज करें। शरीर को हमेशा साफ रखें। डॉ. अश्वनी कंसल, डॉ. सचिन डागर, डॉ. दीपा, डॉ. नीरज गोयल
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