‘लाखों का बीटेक, नौकरी 8 हजार की’
| गाजियाबाद
सर, क्या करें हमारे पैरंट्स ने कई लाख रुपये खर्च करके बीटेक कराया। पास होने के बाद जब नौकरी के लिए आवेदन किया तो कहीं आठ हजार तो कहीं दस हजार रुपये सैलरी मिल रही है। अगर ऐसा ही होना था फिर बीटेक क्यों? इससे अच्छा है अब अपना व्यापार करेंगे। खुद तो कमाएंगे ही दूसरों को भी नौकरी देंगे।
यह कहना था कि शनिवार को विकास भवन में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत कर्ज लेने के लिए साक्षात्कार देने पहुंचे कई युवाओं का। जिला उद्योग केंद्र और जिला खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से आयोजित किए गए इस साक्षात्कार में जिले के कुल 187 युवक और युवतियां इसमें शामिल हुए। इसमें बड़ी संख्या में युवा प्रतिष्ठित कॉलेजों से बीटेक और एमबीए जैसी डिग्री प्राप्त कर चुके थे।
साक्षात्कार में पहुंचीं मोहन नगर निवासी सुनीता यादव ने बताया कि उनके पति की मृत्यु हो चुकी है और बेटा पढ़ाई कर रहा है। इसकी वजह से घर का खर्च चलाने में परेशानी हो रही है। वह पांच लाख रुपये का कर्ज लेकर ब्यूटी पार्लर खोलना चाहती हैं। इस दौरान अधिकारियों की ओर से होने वाली लेटलतीफी के कारण घंटों लाइन में धक्कामुक्की सहना पड़ा। कई अभ्यर्थियों ने सीरियल से न बुलाकर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर बुलाने के तरीके पर विरोध दर्ज कराया लेकिन अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। साक्षात्कार में मुख्य रूप से सिंडीकेट बैंक के एस.एस. मिश्रा, ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स के परितोष कुमार, आईटीआई दुहाई के प्रधानाचार्य विपिन कुमार सहित पीएनबी और एसबीआई के अधिकारी मौजूद रहे।
वर्जन:-
साक्षात्कार में शामिल योग्य अभ्यर्थियों की सूची बैंक को भेजी जाएगी। इसके बाद बैंक सर्वे करेगा तथा सही पाए गए अभ्यर्थियों को ऋण दिया जाएगा।
डी.के. कौशल, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक
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