रूस की करंसी रूबल में ऐतिहासिक गिरावट

मॉस्को

बुधवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 67.95 पर पहुंचकर 28 महीने के निचले स्तर तक धड़ाम हो गया। वहीं, रूस की करंसी रूबल ने तो सारा रेकॉर्ड ही ध्वस्त कर दिया। बुधवार को रूबल के मुकाबले अमेरिकी डॉलर ऐतिहासिक रूप से 80.1 के ऊपर चढ़ गया। यह आंकड़ा दिसंबर 2014 के आंकड़े को भी पार कर चुका है जब रूबल ने गिरने का सारा रेकॉर्ड तोड़ दिया था।

मंगलवार को बाजार में कुछ हद तक शांति कायम रहने के अगले ही दिन रूबल के गिरने का सिलसिला दुबारा शुरू हो गया और 16 दिसंबर, 2014 की रेकॉर्ड गिरावट को भी पार कर गया। ऐसा तेल की कीमत 12 साल के निचले स्तर पर आ जाने की वजह से रूस की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचने से हुआ। बात यूरो की करें तो बुधवार को यूरो के मुकाबले रूबल 87.6 पर ट्रेड कर रहा था। दिसंबर 2014 में रूसी करंसी में अभूतपूर्व गिरावट हुई और यह डॉलर के मुकाबले 80 तथा यूरो के मुकाबले 100 पर पहुंच गया था।

गौरतलब है कि रूस के कुल बजट रेवेन्यू का आधा से ज्यादा हिस्सा गैस और तेल व्यापार से आता है। बुधवार को अल्फा बैंक ने एक बयान में अपने ग्राहकों से कहा, ‘मार्केट वैश्विक आर्थिक भावनाओं से ही संचालित होगा जो अभी खुशहाल बिल्कुल नजर नहीं आ रहा।’

पढ़ें: 28 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा रुपया

यूक्रेन में विद्रोहियों को समर्थन देने के विरोध में पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसकी वजह से रूस के लिए विदेशों से उधार मिलने पर पाबंदी लग गई जिसने संकट को बढ़ा दिया। तेल की गिरती कीमतों के आलोक में लगातार खराब हो रहा इकनॉमिक आउटलुक रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन के सामने बड़ी चुनौती के रूप में मुंह बाए खड़ा है। इससे जनता में वर्षों से रूस को आर्थिक स्थिरता और समृद्धि प्रदान करने वाली उनकी छवि भी तार-तार हो रही है।

मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने रूस के विकास दर में इस साल एक प्रतिशत कम रहने की भविष्यवाणी की थी। आईएमएफ ने चेतावनी दी थी कि चीन की मंद पड़ी विकास की गति, डॉलर की मजबूती, तेल की कीमतों में तेज गिरावट और राजनीतिक उठापटक आदि गतिविधियां रूस जैसी संघर्षरत अर्थव्यवस्थाओं की मुश्किलें बढ़ाने के लिहाज से आग में घी का काम करेंगी।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

बिज़नस न्यूज़, व्यापार समाचार भारत, वित्तीय समाचार, News from Business