रियो ओलिंपिक के बाद संन्यास ले लेंगी मैरी कोम
|मुक्केबाज एमसी मैरी कोम ने कहा है कि वह 2016 में होने वाले रियो ओलिंपिक के बाद मुक्केबाजी से संन्यास ले लेंगी। मैरी कोम के मुताबिक इसके बाद उनका शरीर उन्हें इस खेल में बने रहने की इजाजत नहीं देगा। 32 वर्षीय मुक्केबाज पिछले कुछ समय से संकेत दे रही थीं कि वह मुक्केबाजी से संन्यास ले सकती है, लेकिन सोमवार को उन्होंने साफ कर दिया कि अगले साल होने वाले रियो ओलिंपिक उनका आखिरी टूर्नमेंट होगा।
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मैरी कोम ने एक सोशल मीडिया अभियान की शुरुआत करते हुए कहा, ‘मैंने फैसला किया है कि मैं 2016 ओलिंपिक के बाद संन्यास ले लूंगी। रियो ओलिंपिक मैरी आखिरी प्रतिस्पर्धी प्रतियोगिता होगी और मैं उसके बाद इस खेल में नहीं बनी रहूंगी।’
लंदन ओलिंपिक 2012 में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली मैरी कोम ने कहा, ‘मेरा तीसरा बच्चा दो साल का है और मुझे लगता है कि यह काफी है। तीन बच्चों के साथ कौन मुक्केबाजी से जुड़ी कठोरता को झेल सकता है। मैं रियो में गोल्ड मेडल जीतकर देश के लोगों को खुशी देना चाहती हूं। इसलिए ही मैं 2016 तक इस खेल में बने रहने के बारे में सोच रही हूं।’
मैरी कोम ने कहा कि रियो ओलिंपिक के बाद वह अपनी मुक्केबाजी अकैडमी पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह अकैडमी इंफाल में बनाई गई है और संभावना है कि पीएम नरेंद्र मोदी जल्द ही इसका उदघाटन करेंगे। उन्होंने कहा, ‘मैंने रियो ओलिंपिक के बाद के लिए योजना तैयार कर ली है। मैं अपना पूरा समय अपनी अकैडमी को दूंगी। मैं कई मैरी कोम, कई वर्ल्ड चैंपियन तैयार करना चाहती हूं। मैं किसी भी सामाजिक कार्य के लिए भी उपलब्ध रहूंगी।’
मैरी कोम ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने मुझसे कहा कि अकैडमी के उदघाटन से पहले मैं उन्हें सूचित कर दूं। अकैडमी का काम अपने आखिरी चरण में है और मुझे उम्मीद है कि पीएम इसका उदघाटन करेंगे।’ उन्होंने देश में मुक्केबाजी समुदाय में आपसी लड़ाई पर भी निराशा जताई और कहा कि इसका खामियाजा केवल मुक्केबाजों को भुगतना पड़ रहा है।
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