यूरोप में मुंबई जैसे हमले करने के लिए ओसामा से इजाजत मांगी थी
| अल कायदा के एक शीर्ष आतंकी ने 2010 में यूरोप में मुंबई जैसे हमलों को अंजाम देने के लिए एक संचालक को आतंकियों के दल के साथ ईरान भेजने की इजाजत ओसामा बिन लादेन से मांगी थी ताकि उन्हें ऐसे हमले करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा सके। यह जानकारी हाल में जारी हुए दस्तावेजों से प्राप्त हुई है। दस्तावेज यह भी बताते हैं कि 2011 में नेवी सील के कमांडो द्वारा पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मारे जाने तक ओसामा अल कायदा का प्रभारी और महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाला शख्स था। यह दस्तावेज ब्रुकलिन फेडरल कोर्ट में 28 वर्षीय पाकिस्तानी नागरिक आबिद नसीर पर आतंकवाद के आरोपों के मुकदमे के दौरान जारी हुए हैं। आबिद पर न्यू यॉर्क की सबवे ट्रेन प्रणाली पर हमला करने की साजिश रचने का आरोप है। न्यू यॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक दस्तावेज के मुताबिक, अल कायदा के एक शीर्ष आतंकवादी ने जून 2010 में यूनिस अल मॉरितानी के साथ आतंकवादियों के एक दल को ईरान भेजने के लिए ओसामा से मंजूरी मांगी थी ताकि उन्हें यूरोप में मुंबई जैसे हमले करने में प्रशिक्षित किया जा सके। अल कायदा के गुमनाम शीर्ष आतंकी ने कहा, ‘शेख यूनिस जाने के लिए तैयार है। उसकी मंजिल ईरान है और उसके साथ छह से आठ भाई हैं जिन्हें उसने चुना है। मैंने उससे कहा है कि हम जाने और इस मंजिल (ईरान) पर सहमति के लिए आपकी अंतिम पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं।’ आतंकी ने लिखा कि उसकी योजना ईरान में तीन महीने रुककर भाइयों को वहां प्रशिक्षित करने की है और फिर उनको वहां से निकालने की और अपने मिशन के लिए उन्हें दुनिया में अलग अलग स्थानों पर भेजने की है। उसने अपनी रिपोर्ट और योजना में यह सब चीजें आपको स्पष्ट की हैं। यह साफ नहीं है कि ओसामा ने क्या प्रतिक्रिया व्यक्त की। हालांकि यूनिस हमलों को अंजाम देने से पहले गिरफ्तार कर लिया गया था।
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