मोदी के स्वागत में अमेरिका कर रहा शानदार तैयारी
|अगले महीने अमेरिका की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कैपिटोल में दुर्लभ लेकिन शानदार स्वागत होगा जहां वह अमेरिकी संसद के दोनों सत्रों को संबोधित करेंगे। यह किसी भी विदेशी नेता के लिए इस साल का पहला अवसर होगा। कैपिटोल में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के स्पीकर पॉल रयान उन्हें भोज देंगे जो अपने आप में एक अत्यंत दुर्लभ बात है।
अमेरिका के टॉप संसदीय नेतृत्व से मोदी की मुलाकात होगी और साथ ही प्रतिनिधिसभा और सेनेट की विदेशी संबंध समितियां इंडिया कॉकस के साथ मिल कर उनके सम्मान में स्वागत समारोह का आयोजन करेंगी। संसदीय सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी संसद के जॉइंट सेशन को जब मोदी संबोधित करेंगे तो वहां उपराष्ट्रपति जो बाइडन और ओबामा प्रशासन के अनेक मंत्रियों के मौजूद रहने की उम्मीद है।
यह प्रधानमंत्री के प्रति एकजुटता और समर्थन का अनूठा प्रदर्शन होगा। इस वर्ष मोदी पहले विदेशी नेता होंगे जो अमेरिकी संसद को संबोधित करेंगे। रयान के लिए भी यह पहला अवसर होगा। कैपिटोल हिल के सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी संसद में बढ़ती तल्खी के बीच मोदी को दिया गया निमंत्रण दुर्लभ सर्वदलीय कार्रवाइयों में से एक है। प्रतिनिधिसभा और सेनेट पर प्रभुत्व रखने वाली रिपब्लिकन पार्टी और राष्ट्रपति बराक ओबामा की डेमोक्रेटिक पार्टी दोनों कांग्रेस के संयुक्त सत्र के संबोधन के लिए मोदी को निमंत्रण देने के मुद्दे पर एकजुट थी।
यह सूचना मोदी के यात्रा-कार्यक्रम के अनुसार है जिसे टॉप अमेरिकी संसदीय नेतृत्व ने तैयार किया है। इसका एक हिस्सा अब भी तय किया जा रहा है। अमेरिकी कैपिटोल में मोदी का कार्यक्रम अमेरिकी कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात से शुरू होने की उम्मीद की जा रही है जिनमें प्रतिनधिसभा के स्पीकर रयान, प्रतिनिधिसभा की अल्पमत की नेता नैंसी पेलोसी, सेनेट के बहुमत के नेता मिट्च मैककॉनेल और सेनेट के अल्पमत के नेता हैरी रीड शामिल हैं।
इसके बाद मोदी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे जहां उम्मीद की जा रही है कि वह दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने लोकतंत्रों के बीच रिश्तों के लिए अपनी दृष्टि पेश करेंगे। एक संसदीय सहयोगी ने मोदी के संयुक्त संबोधन के प्रति सांसदों की प्रतिक्रिया के आधार पर कहा कि ऐतिहासिक संबोधन में शिरकत करने के लिए सेनेटरों और सांसदों के बीच बहुत जोश-खरोश है।
इससे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 19 जुलाई 2005 को अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था। राजीव गांधी ने 13 जुलाई 1985 को, पीवी नरसिंह राव ने 18 मई 1994 को और अटल बिहारी वाजपेयी ने 14 सितंबर 2000 को अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था। अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र में विदेशी नेताओं और नामी-गिरामी हस्तियों के संबोधन का यह सिलसिला फ्रांस के मार्की दे लाफायते से शुरू हुआ था जिन्होंने 10 दिसंबर 1824 को प्रतिनिधिसभा को संबोधित किया था।
पिछले साल, चार विदेशी नेताओं ने अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने तीन मार्च को, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने 25 मार्च को, जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो अबे ने 29 अप्रैल को और पोप फ्रांसिस ने 25 मार्च को अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था। संसदीय सूत्रों के अनुसार अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र के संबोधन में उपराष्ट्रपति जो बाइडेन, ओबामा प्रशासन के कैबिनेट सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के जज के हिस्सा लेने की उम्मीद है।
संबोधन के तुरंत बाद रयान कैपिटोल हिल में प्रधानमंत्री के लिए एक भोज का आयोजन करेंगे जिसमें शीर्ष अमेरिकी सांसद हिस्सा लेंगे। कैपिटोल हिल के सूत्रों ने बताया, ‘यह भोज किसी भारतीय प्रधानमंत्री के सम्मान में आयोजित पहला भोज है।’ भोज के बाद प्रतिनिधिसभा और सेनेट के कॉकस के साथ मिल कर सेनेट की विदेशी संबंध समिति और प्रतिनिधिसभा की विदेशी मामलों की समिति मोदी के लिए स्वागत कार्यक्रम आयोजित करेंगी। कैपिटोल हिल के सूत्रों ने बताया, ‘यह भारत के महत्व का प्रतिबिंब है। प्रधानमंत्री अपने पूरे दिन का एक खासा हिस्सा अमेरिकी कांग्रेस में गुजारने के लिए तैयार हुए यह द्विपक्षीय समर्थन की इस तरह की भावना की उनकी स्वीकृति और समर्थन है।’
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