मोदी के बनारस को शिंजो आबे देंगे नायाब तोहफा
|प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लिए जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे का वादा करीब 2 साल बाद अब पूरा होने वाला है। गुजरात के वड़ोदरा शहर में 14 सितंबर को आयोजित कार्यक्रम में जापान सरकार की ओर से बनारस में प्रस्तावित 140 करोड़ की लागत से बनने वाले कन्वेंशन सेंटर के मॉडल (डिजाइन) पर शिंजो आबे की मुहर लगेगी।
जापान सरकार की एजेंसी जायका (जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी) ने इसकी डिजाइन तैयार कराई है। पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होने वाले इस कार्यक्रम के लाइव प्रसारण की तैयारी वाराणसी नगर निगम ने की है।
‘संगीत तीर्थ’ के लिए खास तौर पर बनने वाला कन्वेंशन सेंटर देश में अनूठा होने के अलावा जापानी तकनीक और वास्तुकला का नायाब नमूना होगा, तो बनारस घराने के संगीत से लेकर संस्कृति की झलक मिलेगी। खास बात यह है कि इसकी डिजाइन से लेकर टेंडर और निर्माण तक का सारा काम जायका ही करेगी। बस जमीन नगर निगम की होगी और सीपीडब्ल्यूडी का जापानी एजेंसी सहयोग लेगी।
सीपीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता आरपी सिंह ने बताया कि 2.87 एकड़ एरिया में बनने वाले कन्वेंशन सेंटर का 12 सौ सीट का मुख्य सभागार इस तरह होगा कि जरूरत पड़ने पर उसे कई हिस्सों में बांटा जा सकेगा। मुख्य सभागार के अगल-बगल बनारस के संगीत-कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए कई गैलरी बनेगी।
काशी में किया था वादा
बनारस शहर के व्यस्ततम इलाके सिगरा में आधुनिकतम सुविधाओं वाले बहुमंजिले कन्वेंशन सेंटर की नींव उस समय ही पड़ गई थी, जब दिसम्बर 2015 में भारत दौरे पर आए जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे, पीएम मोदी के साथ बनारस पहुंचे थे। उस दिन सुबह-ए-बनारस के लिए मशहूर काशी नगरी में अलग ही चमक दिखी थी। दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती के बाद ऐतिहासिक नदेसर पैलेस में शाही भोज और बनारसी हुनरमंदों की कलाकृतियों के तोहफों ने ऐसा मन मोहा कि शिंजो ने कन्वेंशन सेंटर बनवाने का वादा करने में देर नहीं लगाई थी। तब से कई दौर की वार्ता के बाद अब डिजाइन फाइनल होकर काम शुरू होने का मौका आया है।
प्रेक्षागृह जमींदोज
कन्वेंशन सेंटर बनाने के लिए नगर निगम के ऐतिहासिक प्रेक्षागृह, मिनी सदन (नगर निगम बैठक हॉल) और महापौर कक्ष को जमींदोज करने का काम शुरू हो गया है। नगर निगम का नया चुनाव होने पर महापौर के लिए नया कक्ष और बैठक सभागार कहां बनेगा, यह अभी तय नहीं हो पाया है।
‘ निशिकी’ ट्रेनिंग सेंटर भी
जापान की 500 साल पुरानी पारंपरिक सिल्क कला ‘निशिकी’ का डिजाइन और तकनीकी सेंटर भी बनारस में खोलने की तैयारी है। जापान सरकार के सहयोग से चलने वाले इस सेंटर के जरिए बनारसी बुनकरों का तैयार माल जापान के बाजार में पहुंचेगा। इससे यहां के बुनकरों और निर्यातकों, दोनों को रोजगार का नया प्लेटफॉर्म मिलेगा।
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