मॉनसून: नालों की सफाई पर तकरार
|मॉनसून के मद्देनजर नालों की सफाई को लेकर नॉर्थ एमसीडी की दिल्ली सरकार के साथ तकरार शुरू हो गई है। एमसीडी ने दावा किया है कि उसके अधिकतर नालों की सफाई पूरी हो चुकी है, लेकिन सरकार का पीडब्ल्यूडी विभाग अपने नालों की सफाई में कोताही बरत रहा है, जिसके चलते मॉनसून के दौरान कई इलाकों में गंभीर जलभराव हो सकता है। मेयर प्रीति अग्रवाल ने इस मसले पर उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जल्द सफाई का आग्रह किया है।
नालों की सफाई को लेकर नॉर्थ एमसीडी ने गत दो जून को पीडब्ल्यूडी को एक पत्र लिखा था और विभिन्न नालों के ऐसे 25 स्थान बताए थे, जहां सफाई नहीं की गई है। मेयर प्रीति अग्रवाल के अनुसार दुख की बात यह है कि वहां अभी तक सफाई नहीं हो पाई है। मेयर ने नालों की स्थिति को लेकर कल ब्रिटानिया चौक, वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया, आजादपुर, छत्रसाल स्टेडियम, जहांगीरपुरी के जी व ई ब्लॉक स्थित पीडब्ल्यूडी के नालों का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने सभी नालों की स्थिति को यथावत पहले की तरह ही पाया। नालों से अब तक गाद निकालने का कार्य शुरू नहीं हुआ है जिसके कारण आने वाले मॉनसून में दिल्लीवासियों को भयावह परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
मेयर के अनुसार नॉर्थ एमसीडी क्षेत्र में 114 किलोमीटर लंबे 195 नाले हैं। उन्होंने विभाग के आंकड़ों से दावा किया कि इनमें से 98 प्रतिशत नालों की सफाई पूरी हो चुकी है। चूंकि यह सभी नाले चार फुट से कम चौड़े हैं और इनका आउटफाल पीडब्ल्यूडी के बड़े नालों में गिरता है और बड़े नालों की सफाई नहीं हुई तो मॉनसून में जलभराव खासा गंभीर हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस बाबत वह फिर से उपराज्यपाल अनिल बैजल व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिख रही हैं कि नालों की सफाई करवा दो। उन्होंने कहा कि नालों के सफाई में किसी भी तरह की कोई कमी न रहे इसके लिए सप्ताह में दो दिन समीक्षा के लिए अडिशनल कमिश्नर स्तर के नोडल अधिकारी की भी नियुक्ति की जा रही है। उन्होंने दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग द्वारा इस कार्य में सहयोग न देने पर उन्होंने निराशा जाहिर की।
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