मुझे अनदेखा किया तभी हारी बीजेपी: शत्रुघ्न सिन्हा
|जब सभी बागी और समय-समय पर विरोधी तेवर दिखाकर अपनी ही पार्टी की किरकिरी कराने वाले लोग एक मंच पर एक साथ जमा हो जाएं, तो बीजेपी नेतृत्व का पसीना बहना तय है। बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की आत्मकथा ‘एनीथिंग बट खामोश’ का बुधवार को विमोचन था। इस मौके पर सिन्हा ने कहा कि बीजेपी को उनकी और कुछ अन्य पार्टी सदस्यों की अनदेखी करने के कारण ही बिहार में हार का सामना करना पड़ा है। इस अवसर पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा, हर्ष वर्धन, केंद्रीय मंत्री जनरल वी.के. सिंह, निलंबित बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद, समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद अमर सिंह और कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला शामिल हुए।
यशवंत सिन्हा ने अपनी पुरानी यादें ताजा करते हुए बताया कि वह किस तरह पहले-पहल शत्रुघ्न सिन्हा से मिले। उन्होंने बताया कि उस समय जहां वह खुद जनता दल के चुनाव अभियान की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, वहीं शत्रुघ्न उस समय जनता दल के स्टार प्रचारक थे। जब सिन्हा से यह पूछा गया कि शत्रुघ्न जैसे स्टार प्रचारक का 2014 के बाद से क्या हुआ, तो उन्होंने कहा, ‘यह अलग मसला है। जो चुनाव की तैयारियों में जुटे थे उन्हें शत्रुघ्न या फिर हमारी जरूरत महसूस नहीं हुई।’ मंच पर शत्रुघ्न और आडवाणी के साथ बैठे हुए यशवंत सिन्हा ने मौजूदा बीजेपी नेतृत्व पर अप्रत्यक्ष तौर पर हमला करते हुए कहा कि वह बीजेपी के मार्गदर्शक मंडल का हिस्सा नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह शत्रुघ्न के मार्गदर्शक हो सकते हैं, लेकिन वह बीजेपी के मार्गदर्शक नहीं हैं।
मार्गदर्शक मंडल का जिक्र करते हुए सिन्हा ने कहा, ‘यह एक सम्मानजनक धड़ा है, जिसे पहली बार गठित किया गया है। केवल आडवाणी जी जैसे सम्मानित लोग ही इसके सदस्य हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ’75 साल से अधिक उम्र के लोगों को मानसिक तौर पर मृत समझा जाता है’ और इसीलिए उन्हें इस मार्गदर्शक मंडल के योग्य माना जाता है।
यशवंत सिन्हा ने शत्रुघ्न की किताब और उनके साथ अपने संबंधों के बारे में बोलते हुए कहा कि एक समय था जब शत्रुघ्न को राज्यसभा में तीसरी बार के लिए नहीं चुना गया और वह लोकसभा से चुनाव जीतकर संसद आ गए। यशवंत ने कहा कि वामपंथी दल अभी भी राज्यसभा में एक सदस्य को अधिकतम 2 बार ही चुने जाने के नियम का पालन करती हैं, लेकिन बीजेपी में अब कई लोग ऐसे हैं जो कि तीसरी और चौथी बार भी बड़े आराम से राज्यसभा में चुने गए हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा ने इस मौके पर बोलते हुए बिहार चुनाव का जिक्र किया और कहा, ‘कई लोगों ने मुझसे बात करते हुए कहा कि जब मेरे ही गृह राज्य के चुनाव के लिए प्रचारकों की सूची में मुझे शामिल नहीं किया गया तो जाहिर है कि बीजेपी के पक्ष में नतीजे नहीं होंगे और सच में ऐसा ही हुआ।’ उन्होंने कहा कि बीजेपी की हार के पीछे कई कारण थे। उन्होंने कहा कि उनके जैसे लोगों को चुनाव प्रचार में इस्तेमाल ना करना निश्चित तौर पर बीजेपी की हार के कई कारणों में से एक था।
इस मौके पर आडवाणी ने शत्रुघ्न सिन्हा से माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा तीसरी बार राज्यसभा के लिए नहीं चुने जाने पर हालांकि शत्रुघ्न नाराज थे, लेकिन उन्हें (आडवाणी) यह फैसला लेना पड़ा। आडवाणी ने कहा कि वह जानते थे कि शत्रुघ्न इतने लोकप्रिय हैं कि वह आराम से लोकसभा का चुनाव जीत जाएंगे और सच में ऐसा हुआ भी।
इस मौके पर शत्रुघ्न सिन्हा का परिवार भी मौजूद था। उनके बेटे कुश और बेटी सोनाक्षी के साथ-साथ इस अवसर पर शत्रुघ्न की पत्नी पूनम सिन्हा ने भी मंच पर अपनी कुछ यादें साझा कीं।
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