मुख्य सचिव पर हमले में सिसोदिया से 3 घंटे में 100 से ज्यादा सवाल पूछे
|दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश पर हुए कथित हमले के केस में दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से पूछताछ की। पुलिस ने सिसोदिया के मथुरा रोड स्थित आवास पर करीब तीन घंटे तक उनसे पूछताछ की। पांच पुलिस अधिकारियों की टीम शाम करीब साढ़े 4 बजे सिसोदिया के घर पहुंची थी और शाम साढ़े 7 बजे के करीब बाहर निकली।
पुलिस टीम में केस के जांच अधिकारी और सिविल लाइंस थाने के एसएचओ करण सिंह राणा व एसीपी (सिविल लाइंस) अशोक त्यागी के अलावा कोर्ट के निर्देश पर इस केस की जांच का सुपरविजन कर रहे नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के एडिशनल डीसीपी हरेंद्र कुमार सिंह और दो अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस एक विडियोग्राफर को भी अपने साथ लाई थी। डिप्टी सीएम से हुई पूछताछ की पूरी प्रक्रिया की पुलिस ने विडियोग्राफी करवाई है, ताकि उनके बयानों को अन्य बयानों के साथ मैच करके यह देखा जा सके कि उनमें कहां-कहां विरोधाभास है।
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वैसे तो पुलिस इस मामले में सीएम और विधायकों से लेकर सीएम हाउस पर तैनात उनके स्टाफ और अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ कर चुकी है, लेकिन सिसोदिया से पूछताछ करने के पीछे पुलिस ने एक खास वजह बताई। पुलिस के मुताबिक, चीफ सेक्रेट्री अंशु प्रकाश ने इस मामले में जो कंप्लेंट दर्ज कराई थी और उसके आधार पर जो एफआईआर दर्ज की गई है, उसमें सीएस ने आरोप लगाया है कि 19 फरवरी के दिन डेप्युप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने उन्हें फोन करके कहा था कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के तीन साल पूरे होने के अवसर पर जो विज्ञापन दिए जाने हैं, उनकी फाइल क्लियर करें या फिर रात को 12 बजे सीएम के घर पर मीटिंग में आने के लिए तैयार रहें।
पुलिस का कहना है कि इसी वजह से इस मामले में डिप्टी सीएम से पूछताछ करना जरूरी था। हालांकि पुलिस ने जब सिसोदिया से यह सवाल किया कि क्या वाकई उन्होंने चीफ सेक्रेट्री से ऐसा कहा था, जो जवाब में सिसोदिया ने कहा कि उन्हें याद नहीं कि उन्होंने चीफ सेक्रेटरी से ऐसा कुछ कहा था।
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पुलिस के मुताबिक, सीएम की तरह मनीष सिसोदिया भी कई अहम सवालों के जवाब टाल गए। मसलन, चीफ सेक्रेटरी अचानक मीटिंग छोड़कर क्यों चले गए। सीएस के साथ बदसलूकी और मारपीट के सवाल पर भी उन्होंने यही कहा कि विधायक उग्र थे, पर उन्होंने कोई मारपीट नहीं की थी।
सीएम के सलाहकर ने अपने बयान में कहा था कि जब वह टॉइलट करके वापस लौटे, तो सीएस का चश्मा जमीन पर गिरा हुआ था। इस सवाल पर भी सिसोदिया ने कहा कि उन्हें ध्यान नहीं है कि ऐसा कुछ हुआ था। रात 12 बजे मीटिंग बुलाने के सवाल पर भी सिसोदिया ने कहा कि मीटिंग उन्होंने नहीं, सीएम ने बुलाई थी, इसलिए इस बारे में सीएम ही कुछ बता सकते हैं। मीटिंग में किन-किन विधायकों को बुलाया जाना है, यह किसने तय किया? इस सवाल पर भी सिसोदिया ने यही कहा कि यह उन्होंने तय नहीं किया था।
अडिशनल डीसीपी हरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सिसोदिया से करीब तीन घंटे तक चली पूछताछ के दौरान उनसे 100 से ज्यादा सवाल पूछे गए, मगर कई सवालों के जवाब वह टाल गए। पुलिस ने इस पूरी प्रक्रिया की विडियो रेकॉर्डिंग कराई है। अब पुलिस उनके और सीएम व अन्य विधायकों के बयानों का विश्लेषण करके यह देखेगी कि उनमें क्या विरोधाभास है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हुई, तो डिप्टी सीएम से दोबारा पूछताछ भी की जा सकती है। पुलिस ने इसी मामले में पिछले हफ्ते सीएम अरविंद केजरीवाल से भी उनके सरकारी आवास पर जाकर पूछताछ की थी।
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