माल्या प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई में बचाव पक्ष ने बैंकिंग विशेषग्य को किया पेश

अदिति खन्ना

लंदन, सात दिसंबर भाषा विवादों में घिरे शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के तीसरे दिन आज बचाव पक्ष ने एक बैंकिंग विशेषग्य को पेश किया। ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में यह सुनवाई चल रही है। इस सुनवाई का फैसला तय करेगा कि माल्या को वापस भारत भेजा जाना चाहिये या नहीं, जहां

वह 9,000 करोड़ रुपये के धन शोधन और बैंकों के साथ धोखाधड़ी के मामलों में वांछित हैं।

माल्या के बचाव में बैंकिंग विशेषग्य को एक गवाह के तौर पर पेश किया। बैंकिंग विशेषग्य पॉल रेक्स ने अपनी दलील में इस बात पर जोर दिया कि वास्तव में माल्या का धोखाधड़ी करने का कोई इरादा नहीं था। बैंकिंग विशेषग्य पॉल रेक्स, जिनके बारे में बताया गया कि उनका बैंकिंग क्षेत्र में 20 साल से अधिक का अनुभव है। उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में स्वतंत्र विशेषा के तौर पर काम किया। उन्हें आज सुनवाई के तीसरे दिन अदालत में पेश किया गया।

माल्या की बचाव वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने आज अपनी दलीलों को पेश करते हुए कहा कि भारत सरकार की ओर पेश हुई क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस सीपीएस उनके मुवक्किल पर दायर मामले को प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी का मामला स्थापित करने में विफल रही है।

उधर, रेक्स की दलील के मुताबिक माल्या की धोखाधड़ी करने की कोई मंशा नहीं थी। जबकि सीपीएस की दलील थी कि माल्या ने जो कर्ज लिया उसे चुकाने की उसकी मंशा नहीं थी क्योंकि उनकी विमानन कंपनी का बंद होना अपरिहार्य हो गया था।

क्लेयर ने यह स्थापित करने की कोशिश की कि किंगफिशर के बंद होने में परिस्थितियां जिम्मेदार रही क्योंकि 2009 से 2010 के बीच वैकि आर्थिक मंदी का दौर रहा था और कंपनी का बंद होना कंपनी के नियंत्रण से बाहर होने का परिणाम था।

भाषा

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