माकन ने दी AK को खुली बहस की चुनौती
| विशेष संवाददाता, नई दिल्ली दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अवैध कॉलोनियों के नाम पर लोगों को बरगला रहे हैं। माकन ने केजरीवाल को चैलेंज किया है कि इस मामले पर वह उनके साथ ओपन डिबेट के लिए तैयार हैं। टाइम और जगह वे खुद तय करके बताएं कि डिबेट के लिए कहां आना है। माकन के मुताबिक केजरीवाल आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस सरकार ने अवैध कॉलोनियों के लिए कुछ नहीं किया है, जो सरासर गलत है। कांग्रेस सरकार ने ही 895 कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू की थी और उनके ले-आउट प्लान तैयार करने के लिए एमसीडी को फाइलें भेजी थीं। चूंकि एमसीडी में बीजेपी का शासन है, इसलिए जब तक इन अवैध कॉलोनियों के ले-आउट प्लान तैयार नहीं होंगे, तब तक आगे की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती। माकन ने केजरीवाल सरकार को अवैध कॉलोनियों में रजिस्ट्रेशन शुरू करने के लिए भी 2 महीने की मोहलत दी है। अगर इन दो महीने में रजिस्ट्रेशन शुरू नहीं हुआ, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी। सोमवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में माकन और प्रदेश कांग्रेस कमिटी की मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि केजरीवाल अवैध कॉलोनियों में विकास के काम करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार से मांग रहे हैं, दूसरी ओर अवैध कॉलोनियों में विकास के काम कराने के लिए केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के वोट ऑन अकाउंट बजट में 35.5 फीसदी की कटौती कर दी है। कांग्रेस सरकार ने अवैध कॉलोनियों में विकास के लिए 440 करोड़ रुपये की राशि तय की थी, लेकिन वोट ऑन अकांउट में इस राशि में 157 करोड़ रुपये कम कर दिए गए। इतना ही नहीं, गरीबों के लिए मकान बनाने की योजना में भी केजरीवाल सरकार ने 124 करोड़ रुपये की राशि कम कर दी है। सफाई के लिए बजट में सरकार ने 29 फीसदी की कटौती कर दी है। इससे साफ है कि केजरीवाल अवैध कॉलोनियों के नाम पर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। माकन ने डीडीए के 24 मार्च, 2008 के उस नोटिफिकेशन की कॉपी भी दिखाई जिसमें अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का नोटिफिकेशन जारी किया गया था। नोटिफिकेशन के पैरा नंबर 5.5 में कहा गया है कि कॉलोनियों की बाउंड्री फिक्स होने के एक महीने के अंदर एमसीडी को ले-आउट प्लान बनाकर देना है। माकन ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने अवैध कॉलोनियों के लिए कुछ नहीं किया, सिर्फ कांग्रेस द्वारा किए गए उपायों को ही भुनाने में लगे हुए हैं। माकन ने कहा कि केंद्र में जब बीजेपी की सरकार थी तो उस समय के शहरी विकास मंत्री जगमोहन ने अवैध कॉलोनियों के लिए इस तरह का प्रस्ताव पास करा दिया था कि आरडब्ल्यूए कोऑपरेटिव सोसायटी बनाकर इन कॉलोनियों में विकास के काम करेगी, उसके बाद ये कॉलोनियां पास होंगी। लेकिन कांग्रेस सरकार ने यह नियम चेंज कराया और उसके बाद इन कॉलोनियों में सरकारी पैसा खर्च होना शुरू हुआ। इन कॉलोनियों का रजिस्ट्रेशन तो हो ही, लेकिन उससे पहले इन कॉलोनियों में विकास के काम शुरू हों।
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