बीजेपी पार्षदों की ‘गणेश परिक्रमा’, नहीं बन रही बात

रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली
एमसीडी चुनाव में टिकट पाने के लिए बीजेपी के वरिष्ठ पार्षद, आला नेताओं की ‘गणेश परिक्रमा’ कर रहे हैं। लेकिन आश्वासन मिलने के बजाय कुछ जगह तो उन्हें झिड़की तक सुननी पड़ रही है। आज सुबह भी ये पार्षद पार्टी नेता नितिन गडकरी से मुलाकात कर रहे हैं और दोपहर बाद भी अन्य वरिष्ठ नेताओं से मिलने का वक्त मांगा है। फिलहाल उन्हें टिकट का ठोस आश्वासन नहीं मिला है।

पार्षदों का आरोप है कि पार्टी के तीन सांसदों ने उनके कामकाज पर सवाल खड़े किए हैं, जिसके बाद उन्हें टिकट न देने का निर्णय लिया गया है। निगम के होने वाले चुनाव को लेकर बीजेपी आलाकमान ने निर्णय लिया है कि इस बार सभी 272 सीटों पर नए उम्मीदवारों को उतारा जाएगा। पार्टी इस चुनाव में किसी भी वर्तमान पार्षद या उसके रिश्तेदारों को टिकट नहीं देगी। इसका कोई ठोस कारण नहीं बताया गया है, लेकिन कहा जा रहा है कि पार्टी को तीनों एमसीडी में भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें मिली थी, जिसके बाद किसी भी टिकट न देने का निर्णय लिया गया।

इस निर्णय के बाद दो दिन तो पार्षद सदमे रहे लेकिन बाद में वह टिकट पाने के लिए एक्टिव हो गए। लेकिन उन्हें अभी तक कहीं से ठोस आश्वासन नहीं मिला है। इनकी अगुवाई वरिष्ठ पार्षद सुभाष आर्य, श्याम शर्मा, महेंद्र नागपाल, शैलेंद्र सिंह, प्रवेश वाही, वीपी पांडे आदि कर रहे हैं।

सूत्र बताते हैं कि ये पार्षद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से तो मिल ही रहे हैं, साथ ही खुद भी गुप्त बैठकें कर रहे हैं। बताते हैं कि कल हुई एक बैठक में तो सुभाष आर्य रो पड़े। उनका कहना था कि बिना किसी ठोस कारण के पार्षदों का राजनैतिक भविष्य खतरे में डाला जा रहा है। कल इन सभी वरिष्ठ पार्षदों ने अन्य पार्षदों के साथ पार्टी के उपाध्यक्ष व एमसीडी इलेक्शन इंचार्ज विनय सहस्रबुद्धि, पार्टी के दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू, केंद्रीय मंत्री विजय गोयल, सांसद प्रवेश वर्मा, महेश गिरी से मुलाकात की। उनका कहना था कि किस आधार पर सभी का टिकट काटा जा रहा है।

पार्षदों के अनुसार जिस किसी पर भ्रष्टाचार आदि का गंभीर आरोप है तो उसको टिकट न दिया जाए, लेकिन इलाके में संतोषजनक कार्य करने वाले और पार्टी की हर गतिविधियों में जुड़े पार्षदों का टिकट तो न काटा जाए। बताते हैं कि कल जब कुछ पार्षद श्याम जाजू से मिलने गए तो उन्हें वहां से डांट मिली। जाजू ने कहा कि आप लोग तो ऊपर तक हो आए हो, फिर मेरे पास किसलिए टिकटों के बारे में बात करने आए हो। उन्होंने कहा कि यह निर्णय आलाकमान का है, इसलिए आप लोगों को कोई आश्वासन नहीं मिल सकता। सांसद महेश गिरी ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया और कहा कि इस बारे में वह कोई मदद नहीं कर सकते हैं।

सूत्र बताते हैं कि वरिष्ठ पार्षदों के पास ऐसी सूचना पहुंची है कि तीन सांसदों ने उनके कामकाज की शिकायतें आलाकमान को की है, जिसके बाद किसी को भी टिकट न देने का निर्णय लिया गया। उनका कहना है कि इन्हीं सांसदों को जितवाने में पार्षदों ने अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन पता नहीं अब क्यों दुश्मनी निकाली जा रही है। सूत्र बताते हैं वरिष्ठ पार्षद आज सुबह केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी से मुलाकात कर रहे हैं।

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