फिल्म रिव्यू- ‘फीवर’, एकरूप किरदारों की उलझन (2 स्टार)
|राजीव खंडेलवाल के पास ऐसी फिल्में आती हैं या वे स्वयं ऐसी उलझी पटकथा और किरदारों की फिल्में चुनते हैं। कहीं न कहीं समीकरण गड़बड़ हो जाता है।
राजीव खंडेलवाल के पास ऐसी फिल्में आती हैं या वे स्वयं ऐसी उलझी पटकथा और किरदारों की फिल्में चुनते हैं। कहीं न कहीं समीकरण गड़बड़ हो जाता है।