फिर झाड़-पौंछकर निकाला ‘टाउन हाल’ का जिन्न !
|एकीकृत एमसीडी का मुख्यालय रहे टाउन हाल को एक बार फिर से सांस्कृतिक व सामाजिक विरासत सेंटर बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है। वर्ष 1866 में बने अंग्रेजों के इस यूरोपियन क्लब को इससे पहले भी फाइव स्टार होटल बनाने के अलावा राजधानी का पहला म्यूजियम ओर फूड कोर्ट बनाने की योजनाएं बनाई जा चुकी हैं। लेकिन विभिन्न कारणों से पुरानी दिल्ली का यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट फाइलों में धूल खाता रहा है। फिलहाल खाली पड़ी और खस्ताहाल हो रही इस इमारत में आजकल उल्लू बोल रहे, कबूतर फड़फड़ा रहे हैं और एमसीडी स्टाफ की मिलीभगत से वहां अवैध पार्किंग का धंधा चल रहा है।
क्या है नया प्रोजेक्ट
वर्ष 1968 में एमसीडी के गठन के बाद ही अंग्र्रेजों की इस ऐतिहासिक इमारत टाउन हाल को उसका मुख्यालय बनाया गया था। सालों तक एमसीडी का स्थानीय शासन यहां से चला और साल 2005 में मिंटो रोड पर नया मुख्यालय सिविक सेंटर बनाने की घोषणा और वर्ष 2011 में उसके शुरू होने के बाद टाउन हाल को बंद कर दिया गया। तब से लेकर अब तक इसे गुलजार करने के लिए योजनाएं बनी और वह धूल खाती रहीं। अब नॉर्थ एमसीडी ने एक बार इसे फिर से सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। मेयर प्रीति अग्रवाल के अनुसार टाउन हॉल को अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें दिल्ली की जीवन शैली, संस्कृति और इतिहास की भरपूर जानकारी होगी।
फाइव स्टार होटल बनाने का निर्णय
वर्ष 2007 में टाउन हाल को फाइव स्टार हैरिटेज होटल में तब्दील करने का निर्णय लिया गया था। तत्कालीन कमिश्नर राकेश मेहता का कहना था कि होटल की दुनिया से जुड़े ताज हैरिटेज ग्रुप ने टाउन हाल पर होटल बनाने में रुचि दिखाई है। इसे बेचने पर निगम को लगभग 600 करोड़ रुपये की आय का भी दावा किया गया था। प्रोजेक्ट के अनुसार इसका ग्राउंड फ्लोर यथावत रहेगा और ऊपर का हिस्सा होटल के लिए बेच दिया जाएगा। एमसीडी का कहना था कि विदेशी टूरिस्ट इफरात में पुरानी दिल्ली की कई इमारतों को देखने आते हैं, अगर उनकी सुविधा के लिए यहीं पर होटल खुल जाए तो क्या बुरा है। चूंकि टाउन हाल हैरिटेज इमारत है इसीलिए इसके ग्राउंड फ्लोर पर हिस्ट्री ऑफ टाउन हॉल जैसा म्यूजियम या लाइब्रेरी खोली जाएगी ताकि 1866 में बनी इस इमारत का पुराना स्वरूप बरकरार रहे।
टाउन हाल में बनेगा दिल्ली का फूड कोर्ट
वर्ष 1912 में एक बार फिर एमसीडी नेताओं को टाउन हाल की याद आई और वहां दिल्ली का पहला म्यूजियम और फूड कोर्ट खोलने का निर्णय लिया गया। उस वक्त स्थायी समिति के अध्यक्ष योगेंद्र चंदोलिया ने आला अफसरों के साथ मिलकर यह प्रोजेक्ट तैयार किया था। इस बदलाव में इमारत के बगल में बने आजाद पार्क को भी शामिल कर वहां रात के समय मनोरंजन कार्यक्रम, आर्ट एंड कल्चर व लाइट एंड साउंड आदि कार्यक्रम भी आयोजित करने का निर्णय लिया गया। प्रोजेक्ट को लेकर बैठकों का लंबा दौर चला, विशेषज्ञों से बातचीत की गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
आजकल उल्लू बोलते हैं
वर्ष 2011 में एमसीडी मुख्यालय को टाउन हाल से दिल्ली की सबसे ऊंची इमारत सिविक सेंटर में भेज दिया गया। तब से लेकर आज तक यह इमारत लावारिस हालत में हैं। इसकी सुरक्षा का जिम्मा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और सिविल डिफेंस स्टाफ के पास है। ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि इसके परिसर में अवैध पार्किंग का धंधा किया जाता है और रात को भी प्राइवेट वाहन वहां खड़े करवाए जाते हैं। रात को टाउन हाल की छत पर उल्लू बोलते हैं। टाउन हाल का जो मुख्य हाल है, उसे कभी-कभार कुछ कार्यक्रमों के लिए किराए पर दे दिया जाता है। वैसे वहां एक लाइब्रेरी भी चल रही है। यह पुराने वक्त से है।
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