प्रीमियम बस सर्विस जुलाई से !
|नई दिल्ली : दिल्ली में ऐप बेस्ड प्रीमियम बस सर्विस स्कीम को लेकर दिल्ली सरकार ने आम लोगों की राय लेने का फैसला किया था। बस सर्विस को लेकर हजारों लोगों ने अपनी राय दी है और ज्यादातर ने इस स्कीम को लागू करने की बात कही है। सुझावों की स्टडी की जा रही है। लोगों की राय के आधार पर मौजूदा स्कीम में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। सरकार जुलाई में फिर से यह स्कीम लेकर आ सकती है। ऐप बेस्ड प्रीमियम बस सर्विस स्कीम के लिए पहले 1 जून से रजिस्ट्रेशन होना था, लेकिन उपराज्यपाल ने फाइल लौटा दी थी, जिसके चलते रजिस्ट्रेशन शुरू नहीं हो पाया था। उपराज्यपाल ने सरकार से कहा था कि इस स्कीम के बारे में पब्लिक की राय भी ली जा सकती है। इसके बाद सरकार ने 20 जून तक लोगों से सुझाव मांगे थे। सूत्रों का कहना है कि अगर कुछ बदलाव जरूरी होंगे तो उन्हें स्कीम में शामिल किया जाएगा और जुलाई में फाइनल ड्राफ्ट आ आएगा। इस स्कीम के बारे में डायलॉग एंड डिवेलपमेंट कमिशन के मेंबर ने बताया कि ऐप बेस्ड प्रीमियम बस सर्विस की स्कीम सौ फीसदी पारदर्शी है। दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम बेहतर बनाने के लिए यह स्कीम तैयार की गई है। अब दिल्ली सरकार यह तय करेगी कि स्कीम को कब से लागू किया जाए। ये बसें कॉन्ट्रैक्ट कैरिज स्कीम के तहत आएंगी। ऐप बेस्ड बस सर्विस का प्रोजेक्ट काफी अहम है। सरकार ने दिसंबर तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में बड़े बदलाव की प्लानिंग की है। ऑड-ईवन स्कीम के दौरान सरकार ने तय किया था कि ऐप बेस्ड बस सर्विस शुरू की जाए। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने नोटिफिकेशन जारी किया था, लेकिन विधानसभा में विपक्ष के नेता ने इसे चुनौती देते हुए एंटी करप्शन ब्रांच में कंप्लेंट दी थी। वहीं दिल्ली सरकार का कहना है कि इस स्कीम को रोकने की साजिश के तहत एसीबी में कंप्लेंट फाइल की गई थी। पूर्व ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर गोपाल राय कुछ दिन पहले अधिकारियों के साथ ऐप बेस्ड प्रीमियम बस सर्विस की सारी फाइलों को लेकर एसीबी ऑफिस पहुंचे थे। उस समय उन्होंने बताया था कि जांच में करप्शन के कोई सबूत सामने नहीं आए थे। दिल्लीवालों को बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम मुहैया करवाने के लिए दिल्ली सरकार ने ऐप बेस्ड प्रीमियम बस सर्विस पॉलिसी बनाई थी।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।