पॉलिटिशियन बनने के बाद कंगना ने ड्रेसिंग स्टाइल बदली:हॉरमोनियम की मदद से कार्तिक की आवाज सुधरी; स्टार्स की इमेज बदलते हैं एक्सपर्ट्स

आजकल बॉलीवुड में एक्टिंग के साथ-साथ इमेज और पर्सनैलिटी भी महत्वपूर्ण हो गई है। एक्टर्स को परदे पर परफेक्ट दिखने के साथ-साथ ऑफ-स्क्रीन इम्प्रेशन भी अच्छा रखना होता है। फिल्म प्रमोशन, अवॉर्ड फंक्शन, मीडिया इंटरैक्शन में उनकी पर्सनैलिटी, बॉडी लैंग्वेज और आवाज सब कुछ मायने रखते हैं। आज के स्टार्स सिर्फ कलाकार ही नहीं, बल्कि बड़े ब्रांड्स के एंबेसडर भी हैं। उनकी इमेज और प्रेजेंस उनके करियर को ऊंचाइयों पर ले जाती है और फैन्स पर गहरा असर डालती है। इसी वजह से इमेज कंसल्टेंसी और पर्सनैलिटी ग्रूमिंग बॉलीवुड में बड़ा ट्रेंड बन गए हैं। आज ‘रील टु रियल’ के इस एपिसोड में हम जानेंगे कि स्टार्स अपनी परफेक्ट इमेज बनाने के लिए ऑन-स्क्रीन और ऑफ-स्क्रीन कैसे मेहनत करते हैं। इसे समझने के लिए हमने एक्टिंग और पर्सनैलिटी कोच रुपेश थपलियाल और इमेज कंसल्टेंट नेहा गुप्ता से बातचीत की। क्या होती है इमेज कंसल्टेंसी? पॉलिटिशियन बनने के बाद कंगना को बदलनी पड़ी इमेज नेहा गुप्ता ने बताया- कंगना जब सिर्फ एक्ट्रेस थीं, तब उनकी एक अलग इमेज थी। पॉलिटिशियन बनने के बाद धीरे-धीरे वो अपनी इमेज बदल रही हैं। अब वो ज्यादातर साड़ी और ब्लाउज पहन रही हैं। इससे साफ तौर पर पता चलता है कि वो अपने आपको एक पॉलिटिशियन के रूप में पेश करना चाहती हैं। ना कि सिर्फ एक एक्ट्रेस के रूप में। बोल्ड और कंट्रोवर्शियल बातें करने की जगह अब उनका तरीका बेहद शांत और सुलझा हुआ है। यह बदलाव दिखाता है कि वो अपनी छवि को समझदारी से बदल रही हैं, ताकि वो पॉलिटिक्स में भी सही जगह बना सकें।’ कंगना ने इमेज कंसल्टेंसी का सहारा लिया नेहा गुप्ता ने आगे कहा- इमेज कंसल्टेंट्स का काम सिर्फ एक्टर की बाहरी शख्सियत को बदलना नहीं, बल्कि उनके भीतर की पर्सनैलिटी को बाहर लाना भी है। एक्टिंग से पहले खुद को समझना बहुत जरूरी होता है बॉलीवुड में आजकल पर्सनैलिटी ग्रूमिंग और इमेज कंसल्टेंसी बेहद जरूरी हो गई है। इस बारे में क्रिएटिंग करेक्टर एकेडमी के ओनर रुपेश थपलियाल कहते हैं कि इमेज कंसल्टेंसी सिर्फ एक ऑप्शन नहीं, बल्कि एक जरूरी टूल बन गई है। रुपेश थपलियाल की एकेडमी में अनुष्का शर्मा, टाइगर श्रॉफ, मृणाल ठाकुर जैसी कई सेलिब्रेटी ने ट्रेनिंग ली है। बॉलीवुड के हर बड़े स्टार की इमेज के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। अनुष्का शर्मा को गुस्सा जल्दी आता था और हर बात पर इरिटेट हो जाती थीं। अब अपनी एनर्जी को वो सही डायरेक्शन में लगाती हैं। मृणाल ठाकुर पब्लिक प्लेस पर नर्वस महसूस करती थीं। पहले वो इंट्रोवर्ट थीं और ज्यादा नहीं बोलती थीं। अब उनकी पर्सनैलिटी में ठहराव और ग्रेस है। कार्तिक आर्यन के आत्मविश्वास में बहुत कमी थी। धीरे-धीरे उनका आत्मविश्वास बढ़ा। टाइगर श्रॉफ पहले बहुत शर्माते थे, अब पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी पर्सनैलिटी को दिखाते हैं। कार्तिक आर्यन के आत्मविश्वास में कमी थी शुरू में कार्तिक आर्यन के आत्मविश्वास में बहुत कमी थी, लेकिन उनका ग्रूमिंग सफर सच में प्रेरणादायक है। रुपेश थपलियाल कहते हैं- मैंने कार्तिक को हारमोनियम खरीदने और ‘सा’ सुर की प्रैक्टिस करने की सलाह दी। इससे उनकी आवाज में स्थिरता आई। उनकी बॉडी लैंग्वेज पर भी काम किया क्योंकि एक्टर की पर्सनैलिटी सिर्फ आवाज से नहीं, बल्कि उनके हर हाव-भाव से भी बनती है। धीरे-धीरे उनका आत्मविश्वास बढ़ा और वह काफी बदल गए। अब उनकी बॉडी लैंग्वेज और आत्मविश्वास देखकर लगता है कि मेहनत और सही दिशा से सब कुछ संभव है। टाइगर श्रॉफ में स्टार पर्सनैलिटी नहीं थी टाइगर श्रॉफ शुरू में बहुत ही शर्मीले थे। रुपेश थपलियाल कहते हैं- मैं जब पहली बार टाइगर श्रॉफ से मिला तो उनके अंदर स्टार पर्सनैलिटी नहीं थी। वह बहुत शर्मीले थे और उनके अंदर आत्मविश्वास की बहुत कमी थी। रोमांटिक सीन के लिए उन्हें बार-बार उदाहरण देना पड़ता था। उन्हें इमेजिनेशन पर काम करना पड़ता था। हमें उन्हें दोस्त की तरह समझाना पड़ा। ताकि वह खुलकर अपने भावनाओं को व्यक्त कर सके। शुरुआत में उन्हें यह सब समझने में थोड़ा वक्त लगता था, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपने आप को बदला। हालांकि वो आज भी एक पब्लिक पर्सन नहीं है, लेकिन उन्होंने अपनी शर्मीली इमेज को धीरे-धीरे बदला और एक आत्मविश्वासी इंसान बन गए। उन्होंने मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग ली। इससे सिर्फ शारीरिक ताकत नहीं, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है। इससे भी उनका आत्मविश्वास बढ़ा। मृणाल ठाकुर पब्लिक प्लेस पर नर्वस महसूस करती थीं रुपेश थपलियाल कहते हैं- हमने जैसे-जैसे मृणाल की पर्सनैलिटी और इमेज पर काम किया, उनके अंदर काफी बदलाव आया। अब वह पब्लिक प्लेस और कैमरे के सामने सहज और कॉन्फिडेंट हैं। उनके अंदर आत्मविश्वास अब साफ नजर आता है। अब उनकी पर्सनैलिटी में ठहराव और ग्रेस है, जो उनके पूरे व्यवहार में दिखता है। डेजी शाह एक्टिंग करियर को लेकर दुविधा में थीं रुपेश थपलियाल कहते हैं- डेजी शाह की पर्सनैलिटी काफी अलग थी। वह एक हैप्पी गो लकी लड़की थीं। उनका डांसिंग में करियर अच्छा चल रहा था, लेकिन डांसिंग में करियर छोड़कर एक्टिंग में आने का फैसला उनके लिए बड़ा रिस्क था। एक्टिंग को लेकर उनके मन में दुविधा थी कि कैसे एक्टिंग में कदम रखें? इसके अलावा वो पब्लिक स्पीकिंग और अपने आप को प्रेजेंट करने के मामले में पहले बहुत कन्फ्यूज थीं। उनका गुजराती लहजा था, वो यह नहीं समझ पाती थीं कि क्या और कैसे बोलना है? उन्होंने ट्रेनिंग ली और उनका आत्मविश्वास बढ़ा। उनकी वोकैबुलरी (शब्दावली) बेहतर हुई। उन्होंने खुद को ग्रेसफुली और होल्ड करके पेश करना सीखा। डेजी शाह अब पब्लिकली बिना किसी संकोच के आत्मविश्वास के साथ बात करती हैं। गुस्से को कंट्रोल करने एक्टिंग स्कूल गईं अनुष्का शर्मा अनुष्का शर्मा शुरू से ही एनर्जी से भरी और बेहद बिंदास लड़की थीं। उन्हें गुस्सा जल्दी आता था और हर बात पर इरिटेट हो जाती थीं। रुपेश थपलियाल कहते हैं- जब अनुष्का शर्मा पहली बार मेरी क्लास में आईं तो उन्होंने बताया कि एक्टर नहीं बनना है, लेकिन दो हफ्तों के भीतर उन्हें एक्टिंग में दिलचस्पी होने लगी। अनुष्का ने एक्टिंग को न केवल अपनाया बल्कि उसमें ग्रेस और मेच्योरिटी भी लाईं। उन्हें गुस्सा आज भी आता है, लेकिन इसे बेहद शालीनता और आत्मविश्वास के साथ व्यक्त करती हैं। यह उनकी पर्सनैलिटी का हिस्सा बन चुका है। क्या नए एक्टर्स को भी इमेज कंसल्टेंट्स की जरूरत पड़ती है? अब सबसे अहम सवाल यह है कि क्या नए एक्टर्स को भी इमेज कंसल्टेंट्स की जरूरत पड़ती है? इस सवाल के जवाब में नेहा कहती हैं- मुझे लगता है कि नए एक्टर्स के लिए ये बेहद जरूरी है। जितना जल्दी वे अपनी इमेज के महत्व को समझेंगे, उतनी जल्दी वे सफलता हासिल कर सकते हैं। इमेज कंसल्टेंसी अब कोई लग्जरी नहीं रही, बल्कि यह एक जरूरत बन चुकी है। इमेज कंसल्टेंट्स ट्रेंड नहीं, करियर ग्रोथ के लिए जरूरी इमेज कंसल्टेंट्स के लिए इंडस्ट्री में जो बदलाव आया है, वह ट्रेंड नहीं, बल्कि एक्टर्स के करियर ग्रोथ के लिए जरूरी है। नेहा कहती हैं- हम देख चुके हैं कि कैसे कम्युनिकेशन, बॉडी लैंग्वेज और पर्सनल स्टाइल एक एक्टर के करियर पर गहरा असर डाल सकती है। _______________________________________ रील टु रियल की यह स्टोरी भी पढ़ें.. बिग-बॉस हाउस बनाने से तोड़ने का खर्च 3.5 करोड़:वोटों की धांधली संभव नहीं; फिनाले बाद पहली बार किसी मीडिया ग्रुप की यहां एंट्री बिग बॉस का 18वां सीजन खत्म हो चुका है। अब 9 महीने बाद शो की वापसी होगी। शो खत्म होते ही बिग बॉस हाउस के आधे से ज्यादा हिस्से को डिस्मेंटल, यानी तोड़ दिया जाता है। पूरी खबर पढ़ें…

बॉलीवुड | दैनिक भास्कर

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