‘पिजंरा तोड़’ का यूजीसी में हल्लाबोल
|इंटरनैशनल विमिंस डे पर गल्र्स स्टूडेंट्स ने यूजीसी के बाहर हल्लाबोल के नारे लगाए। हॉस्टल्स के सख्त नियमों के खिलाफ लड़ रहा गल्र्स स्टूडेंट्स का ग्रुप पिजंरा तोड़ दिल्ली यूनिवर्सिटी में अपने खास अंदाज के प्रोटेस्ट के लिए कई यूनिवर्सिटी की पहचान बन चुका है। पिजंरा तोड़ की इन्हीं लड़कियों ने 8 मार्च की दोपहर को अपने कई मुद्दों को यूजीसी के सामने रखा।
वहीं महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी के हॉस्टल कर्फ्यू बयान पर डीयू, जेएनयू की स्टूडेंट्स ने पिजड़ा तोड़ अभियान के तहत प्रदर्शन किया। शास्त्री भवन में मंत्रालय के बाहर प्रदर्शऩ कर रही छात्राओं ने मंत्री से उनके बयान के लिए माफी की मांग की। कुछ प्रदर्शनकारी छात्राएं बैनर लेकर शास्त्री भवन के गेट के अंदर घुस गई जिन्हें फिर पुलिस ने बाहर किया।
इन स्टूडेंट्स ने मांग की कि हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट में विमिंस स्टूडेंट्स के साथ सेक्सुअल हैरसमेंट और भेदभाव के खिलाफ यूजीसी के नोटिफिकेशन को सख्ती से लागू किया जाए।
साथ ही, स्टूडेंट्स ने केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के उस बयान के खिलाफ आवाज उठाई, जिसमें उन्होंने स्कूलों और कॉलेजों के हॉस्टलों में स्टूडेंट्स के आने जाने के समय सीमा तय करने की वकालत की है। मेनका ने दलील थी कि इससे उन्हें उनके हॉर्मोंस में विस्फोटक बदलावों से बचाया जा सकेगा। प्रदर्शनकारियों ने यह भी मांग की कि सभी यूनिवर्सिटी में गल्र्स के लिए हॉस्टल्स बनाएं जाएं, जो महंगे ना हों और साथ ही जहां कड़े नियमों के बीच लड़कियों को कैद होकर ना रहना पड़े।
दोपहर में हुए इस मार्च में पहुंची लड़कियों ने कई नारों के साथ यूजीसी के सामने अपनी मांगे रखीं। इस मौके पर पुलिस भी तैनात थी।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।