पिच से नहीं मिल रही मदद, गेंदबाजी मुश्किल: उमेश
|भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव ने स्वीकार किया कि चेपक स्टेडियम के विकेट से गेंदबाजों को खास मदद नहीं मिल रही है और यदि तीसरे दिन टर्न मिलता है तभी इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच का परिणाम निकल पाएगा। इंग्लैंड ने पहली पारी में 477 रन बनाए, जिसमें उसके निचले क्रम के बल्लेबाजों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। पिच से तेज गेंदबाजों और स्पिनरों दोनों को कोई खास मदद नहीं मिल रही है।
लगता है कि उमेश पिच से बहुत खुश नहीं थे। उन्होंने तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘मुझे लगता है कि इस विकेट पर गेंदबाजी करना बहुत मुश्किल है क्योंकि गेंद बहुत अधिक टर्न नहीं हो रही है। यह थोड़ा भिन्न है। उन्होंने कुछ तेज रन बनाए लेकिन मुझे लगता है कि गेंद बहुत अधिक टर्न नहीं ले रही है, जो एक यह समस्या है। हम विकेट नहीं ले पाए और लय गंवा बैठे।’
उमेश से पूछा गया कि क्या इस विकेट पर परिणाम हासिल किया जा सकता है विदर्भ के इस गेंदबाज ने कहा कि यह इस पर निर्भर करेगा कि चौथे दिन से पर्याप्त टर्न मिलता है या नहीं। उन्होंने कहा, ‘अभी तीन दिन का खेल बचा है। देखते हैं कि विकेट का मिजाज कैसा रहता है। यदि यह तीसरे दिन के बाद टर्न लेता है, तो फिर इस मैच में कुछ दिलचस्पी बनी रहेगी।’ उमेश से पूछा गया कि मोईन अली को आउट करने में इतनी देर क्यों लगी, जबकि वह शॉर्ट पिच गेंदों के सामने जूझ रहे थे, उन्होंने कहा, ‘हमारी यह रणनीति थी।
शुक्रवार को तेज गेंदबाजों ने ज्यादा गेंदबाजी नहीं की। शनिवार को हमने रणनीति बनाई हम मोइन के लिए शॉर्ट पिच गेंद करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि वह सभी गेंदों को खेलें। हम उसके बाएं कंधे के पास गेंद करना चाहते थे और उसके बाद हमने लय हासिल की। उसने कुछ गेंदों को पुल करने की भी कोशिश की।’
उमेश ने कहा कि इशांत का गेंदबाजी करना अच्छा रहा क्योंकि उन्हें 70 से अधिक टेस्ट मैच खेलने का अनुभव है। उन्होंने कहा, ‘वह काफी सीनियर गेंदबाज हैं। उन्हें काफी अनुभव है। जब भी हम विकेटों के बारे में सोचते हैं या इस तरह की पिच पर कैसे विकेट लेने हैं इसको लेकर सोचते हैं, तो इशांत से बात करते हैं।’
उमेश ने बताया, ‘यह बहुत सकारात्मक है। उन्होंने अभी वापसी की है और वह बहुत सहजता से गेंदबाजी कर रहे हैं। जब आपके साथ सीनियर गेंदबाज गेंदबाजी कर रहा हो, तो काफी मदद मिलती है। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है। वह पिच के मिजाज को जल्दी भांप सकता है और यह बता सकता है कि हमें इस तरह के विकेट पर क्या करना चाहिए। केवल दो गेंद करने से उसे पता चल जाएगा कि विकेट से रिवर्स स्विंग मिलेगी या नहीं।’
इस युवा तेज गेंदबाज ने कहा कि अनिल कुंबले और मध्यम गति से गेंदबाजी करने वाले संजय बांगड़ की उपस्थिति में नियमित गेंदबाजी कोच का नहीं होना समस्या नहीं है। उमेश ने कहा, ‘असल में अभी यह बहुत मायने नहीं रखता, लेकिन फिर भी हमें कोचों की जरुरत है जो खराब दौर या खराब सत्र में हमारी मदद कर सकें। अनिल भाई और संजय बांगड़ हमारे साथ है। वे गेंदबाजी के बारे में जानते हैं।
संजय बांगड़ मध्यम गति के गेंदबाज थे और उन्होंने काफी गेंदबाजी की है। वह इस तरह के विकेट पर गेंदबाजी करने के गुर देते हैं क्योंकि उन्होंने काफी प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं। जब भी हम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे होते हैं, तो अनिल भाई या संजय भाई से बात करते हैं। वे किसी भी परिस्थिति में हमारी मदद कर सकते हैं।’
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