पहाड़ी राज्यों में औद्योगिक इकाइयों को बजटीय समर्थन दिया जायेगा: प्रभु

नयी दिल्ली, सात अक्तूबर भाषा सरकार ने माल एवं सेवाकर जीएसटी व्यवस्था में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उाराखंड सहित तमाम पहाड़ी राज्यों में औद्योगिक इकाइयों को बजट समर्थन देने के लिये एक नई योजना को मंजूरी दी है। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने आज यह जानकारी दी।

सुरेश प्रभु ने कई ट्वीट में कहा है, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उाराखंड और पूर्वोार राज्यों में स्थित औद्योगिक इकाइयों को जीएसटी व्यवस्था के तहत बजट समर्थन देने के लिये एक नई योजना को मंजूरी दी गई है।

उन्होंने कहा कि योजना की पेशकश उन औद्योगिक इकाइयों के लिये सदभावना के तौर पर की गई है जो कि पहले दी गई उत्पाद शुल्क छूट और रिफंड योजना का लाभ उठा रहे थे। जीएसटी व्यवस्था में छूट देने का कोई प्रावधान नहीं है लेकिन इसमें रिफंड की अनुमति दी गई है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि इन राज्यों में पहले से उपलब्ध उत्पाद शुल्क छूट और रियायत के समाप्त होने को लेकर उद्योगों की चिंता को ध्यान में रखते हुये इस सुविधा की बाकी बची हुई अवधि के लिये जीएसटी के तहत प्रतिपूर्ति के तौर पर बजट समर्थन उपलब्ध कराया गया है।

उन्होंने कहा, हम उद्योगों की चिंता को लेकर सजग हैं, आर्थिक वृद्धि, निर्यात और रोजगार बढ़ाने के लिये मिलकर काम करेंगे।

औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग डीआईपीपी ने एक अधिसूचना में कहा है कि यह योजना उसी कर तक सीमित होगी जो कि केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर अधिनियम 2017 और एकीकृत माल एवं सेवाकर अधिनियम 2017 के तहत आता है। इस योजना को जम्मू कश्मीर, उाराखंड, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम सहित पूर्वोार राज्यों में स्थित औद्योगिक इकाइयों को जीएसटी व्यवस्था के तहत बजटीय समर्थन योजना के नाम से जाना जायेगा।

योजना एक जुलाई से लागू होकर 30 जून 2027 तक वैद्य होगी।

भाषा

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