पब्लिक नहीं एमएलए को तरजीह देगी AAP
|तीनों नगर निगमों के चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर आम आदमी पार्टी अपनी परंपरा में बदलाव करने जा रही है। इस बार लोगों द्वारा सुझाए गए नामों के बजाय वह अपने पार्टी के विधायकों की सिफारिशों को तरजीह देगी। यह निर्णय पार्टी ने अभी हाल ही में हुए निगम उपचुनाव के नतीजों को ध्यान में रखते हुए लिया है। प्रत्याशियों के चयन में प्रक्रिया पर विचार-विमर्श शुरू हो चुका है। निगमों के चुनाव अगले साल होने हैं।
दिल्ली की तीनों निगमों के चुनाव अगले साल मार्च-अप्रैल में होने हैं। तीनों निगमों में कुल 272 पार्षदों का चयन होना है। वैसे तो चुनाव अभी दूर हैं, लेकिन इस बाबत पार्टी ने कुछ निर्णय लेने शुरू कर दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि इस बार आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार का मंत्रालय प्रत्याशियों के चयन भागीदारी दिखाएगा। इस बाबत पुरानी परपंरा को भी दरकिनार किया जा रहा है। आप ने पिछले दो विधानसभा के हुए चुनाव में लोगों से सीधे उम्मीदवारी के लिए आवेदन मांगे थे और फिर उनका वैरिफिकेशन कर प्रत्याशियों का चयन किया था, लेकिन अब प्रत्याशियों के चयन में पूरा बदलाव किया जा रहा है और इसमें पार्टी विधायकों की भूमिका को बढ़ाया जा रहा है।
सूत्र बताते हैं कि इस बार उन प्रत्याशियों के चयन को प्रमुखता दी जाएगी, जिनकी सिफारिश पार्टी के स्थानीय विधायक करेंगे। यह निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान विधायकों और प्रत्याशियों के बीच तनाव की स्थिति न रहे। बताते हैं कि यह निर्णय इसलिए लिया गया है, क्योंकि हाल ही में हुए तीनों निगमों के 13 वॉर्ड में हुए उपचुनाव में पार्टी को मात्र पांच सीटों पर संतोष करना पड़ा था, जबकि वह दस से अधिक सीटों का दावा कर रही थी। बताते हैं कि पार्टी को इसलिए कम सीटें मिली, क्योंकि प्रत्याशियों के चयन में विधायकों की बिल्कुल नहीं सुनी गई थी। इसी तकरार के चलते शालीमार बाग की विधायक कुमारी बंदना ने दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
इस मसले पर दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नागेंद्र शर्मा का कहना है कि पुरानी परंपरा से प्रत्याशियों का चयन करने में खासी मशक्कत होती थी और पता नहीं चल पाता था कि प्रत्याशी की बैकग्राउंड क्या है। लेकिन विधायकों की सिफारिश के बाद इस बात की तो पूरी जानकारी मिल जाएगी कि संभावित प्रत्याशी का इतिहास क्या है। उन्होंने कहा कि प्रत्याशियों के चयन में पार्टी का रोल भी होगा, साथ में सरकार का पूरा मंत्रिमंडल भी इसमें अहम भूमिका निभाएगा।
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