नोटबंदी से पहले के दौर में पहुंचा करंसी सर्कुलेशन: RBI डेटा
|देश में करंसी की सर्कुलेशन नोटबंदी के पहले के लगभग करीब पहुंच चुकी है। यानी नोटबंदी की घोषणा से पहले जितनी करंसी सर्कुलेशन में थी लगभग उतनी ही करंसी फिर से प्रसार में है। रिजर्व बैंक ताजा डेटा के मुताबिक 23 फरवरी तक 17.82 लाख करोड़ रुपये की करंसी सर्कुलेशन में हैं। नोटबंदी की घोषणा से एक हफ्ते पहले तक 17.97 लाख करोड़ रुपये की करंसी सर्कुलेशन में थी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 की रात ब्लैक मनी, कैशलेस इंडिया और टेरर फंडिंग रोकने जैसे उद्देश्यों के साथ 500 और 1,000 के नोट बैन कर दिए थे।
नोटबंदी की घोषणा के बाद डिजिटल तरीकों से पेमेंट्स में तेजी से बढ़ोतरी हुई थी। देश को लेस कैश इकॉनमी बनाना नोटबंदी के मकसदों में शामिल था। रिजर्व बैंक के डेटा के मुताबिक, जनवरी 2018 के बाद से करंसी के सर्कुलेशन में काफी तेज बढ़ोतरी हुई। इस बीच डिजिटल ट्रांजैक्शंस कम हुए और करीब 89 हजार करोड़ का करंसी सर्कुलेशन बढ़ा।
अर्थशास्त्री भी करंसी सर्कुलेशन के बढ़ने को लेकर शंका में हैं, एक ओर यह दावा किया जा रहा है कि नोटबंदी ने बैंकिंग सिस्टम में डिजिटल ट्रांजैक्शंस को बढ़ाया है। करंसी सर्कुलेशन बड़े चुनावों के नजदीक आने पर भी बढ़ती है लेकिन आर्थिक जानकार इस बार करंसी सर्कुलेशन के बढ़ने के पीछे के ठोस कारण को नहीं समझ पा रहे हैं।
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