नोटबंदी के बाद 20 लाख रुपये से ज्यादा जमा करके चुप्पी साधनेवाले 2 लाख लोगों को नोटिस
|सरकार ने उन 2 लाख लोगों को नोटिस भेजा है जिन्होंने नोटबंदी के बाद 20 लाख से ज्यादा रुपये बैंकों में जमा कराए, लेकिन न टैक्स डिपार्टमेंट के सवालों का जवाब दिया और न ही टैक्स रिटर्न्स फाइल किए। एक सीनियर इनकम टैक्स ऑफिसर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘हमने उन्हें पर्याप्त समय दिया और सालाना रिटर्न्स में जमा धन की जानकारी की प्रतीक्षा की, लेकिन उन्होंने हमारी बार-बार की अपील को नजरअंदाज कर दिया। ऐसे में हमारे पास उन्हें रिटर्न्स फाइल करने के नोटिस जारी करने के सिवा कोई चारा नहीं बचा था।’
गड़बड़ी करनेवाले करदाताओं की पड़ताल में नियमों का पालन नहीं करते पकड़े जानेवालों पर कार्रवाई करना इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (सीबीडीटी) की इस वर्ष की एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। इसके अतिरिक्त, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज देशभर में छापे मार रहा है ताकि नोटबंदी में खेल करनेवाले बेफिक्र होकर घूमते नहीं रहें। सूत्रों ने बताया कि सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्र ने अपने अधिकारियों को बार-बार कहा है कि वे टैक्स चोरों के पीछे पड़ जाएं क्योंकि सरकार लगातार कह रही है कि ईमानदार करदाताओं को सम्मानित किया जाना जरूरी है।
आंकड़ों की गहन छानबीन के बाद सरकार ने नोटबंदी के बाद 5 लाख रुपये या इससे ज्यादा की रकम जमा करानेवाले 18 लाख संदिग्ध लोगों की पहचान की, जिनमें 12 लाख लोगों की पुष्टि इनकम टैक्स के पोर्टल से हो गई। 2.9 लाख करोड़ रुपये संदिग्ध रूप से जमा करवाई गई है। यह नोटबंदी के बाद जमा रकम का पांचवें हिस्से से भी कम है।
कुल मिलाकर 5 लाख लोगों ने टैक्स डिपार्टमेंट की अपील को कोई प्रतिक्रया नहीं दी। तब जाकर सरकार ने पहले 50 लाख रुपये या इससे ज्यादा मूल्य के पुराने नोट जमा करानेवाली बड़ी मछलियों को पकड़ने का मन बना लिया। 6 नवंबर 2017 को टाइम्स ऑफ इंडिया ने सबसे पहले खबर दी थी कि बड़ी मछलियों से निपटने के बाद सरकार जमा रकम का वेरिफिकेशन नहीं करनेवाली छोटी मछलियों के पीछे पड़ेगी।
नोटबंदी के लिए मोदी सरकार की आलोचना होती रही है, खासकर यह कहकर कि 99% पुराने नोट सिस्टम में आ गए। लेकिन, सरकार यह कहकर अपनी पीठ थपथपा रही है कि नोटबंदी के बाद उसे असंख्य आंकड़े उपलब्ध हुए हैं जिसका एक-दो साल में आकलन कर नोटबंदी की योजना को पलीता लगानेवालों को पकड़ा जाएगा।
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