नेपाल को 1,000 टन फ्यूल सप्लाइ करने पर विचार कर रहा है चीन
|चीन त्योहारी मौसम को देखते हुए नेपाल को 1,000 टन फ्यूल सप्लाइ करने पर विचार कर रहा है ताकि चौतरफा जमीनी सीमा से घिरे इस देश की पेट्रोलियम उत्पादों की तंगी को दूर करने में मदद की जा सके। नेपाल की सरकारी तेल कंपनी नेपाल ऑयल कॉर्पोरेशन (एनओसी) के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। कंपनी ने कहा है कि चीन से पहली खेप जल्द ही राजधानी पहुंच सकती है।
गौरतलब है कि मधेशी आंदोलन के चलते भारत और नेपाल के बीच के व्यापारिक रास्तों पर आंदोलनकारियों की नाकेबंदी की वजह से भारत से जरूरी सामानों की आपूर्ति में बाधा बरकरार है। नेपाल की नई सरकार ने देश के दक्षिणी तराई इलाकों में मधेशी आंदोलन को देखते हुए विभिन्न एजेंसियों को चीन के रास्ते ईंधन और खाना पकाने की गैस लाने को कहा है।
नेपाल के प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार प्रमोद दहल ने कहा है, ‘चीन की सरकार ने हाल ही में नेपाल को 1,000 टन फ्यूल उपलब्ध कराने का वादा किया था। यह अनुदान के तौर पर दिया जाएगा। अब इस पर अमल किया जाएगा क्योंकि भारतीय सीमा पर नाकेबंदी की वजह से नेपाल में ईंधन की भारी तंगी पैदा हो गई है।’
उन्होंने कहा कि सरकार ने निजी कंपनियों को चीन से तेल आयात करने के लिए अनापत्ति पत्र देने का फैसला किया है। अब तक केवल इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन से ही पेट्रोलियम उत्पाद मंगाया जाता रहा है। नेपाल सरकार ने अब इस एकाधिकर को समाप्त कर दिया है।
चीन से फ्यूल की पहली खेप नेपाल और तिब्बत के बीच फिर से खोले गए रासुवागधी-केरंग व्यापारिक मार्ग से आएगी। अप्रैल में नेपाल में आए भूकंप के दौरान यह रास्ता सीमा के दोनों तरफ बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। उन्होंने कहा कि नेपाल और चीन ने सीमा पर दो बिंदुओं, तातोपाणी और केरंग पर रास्ता खोला है।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।